जखीरा ए मालूमात पीडीएफ डाउनलोड Zakhira e Maloomat Hindi PDF: islam ki maloomat Zakhira maloomat Pdf download zakhira e maloomat Download hindi PDF
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जखीरा ए मालूमात
इस किताब जखीरा ए मालूमात हिंदी में विषय सूचि पढ़े –
- अपनी बात
- हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से मुताल्लिक चीजें
- हज़रत आदम अलैहिस्सलाम वगैरह से मुताल्लिक चीजें
- नूह अलैहिस्सलाम से मुताल्लिक बातें
- हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम से मुताल्लिक बातें
- हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम और हज़रत ब्रिज़ अलैहिस्सलाम से मुताल्लिक बातें
- सुलैमान अलैहिस्सलाम से मुताल्लिक बातें
- हज़रत अय्यूब अलैहिस्सलाम और हज़रत यूनुस अलैहिस्सलाम सेमुताल्लिक बातें
- हज़रत ज़करिया अलैहिस्सलाम और हज़रत मरयम से मुताल्लिक बातें
- यहुया जुलैहिस्सलाम और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम सेमुताल्लिक बातें
- मुतलक अबिया से मुताल्लिक बातें
- शीरवारी (दूध पीने) की हालत में बात करने वाले बच्चे
- फ़रिश्तों से मुताल्लिक बातें
- सहाबा किराम रज़ियल्लाहु अन्हुम से मुताल्लिक बातें
- हज़रत अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हु से मुताल्लिक़ बातें
- हज़रत उमर फारूक रज़ियल्लाहु अन्हु से मुताल्लिक बातें
- हज़रत उस्मान गनी रज़ियल्लाहु अन्हु से मुताल्लिक बातें
- हजरत अली – पूरी सूची जखीरा ए मालूमात पीडीएफ डाउनलोड Zakhira e Maloomat Hindi PDF किताब में पढ़े
जखीरा ए मालूमात पीडीएफ
किताब जखीरा ए मालूमात पीडीएफ डाउनलोड Zakhira e Maloomat से कुछ सारांश – हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से मुताल्लिक चीज़े
सवाल:- आहज़रत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जिब्रील अलैहिस्सलाम रिश्ते को उनकी असली सूरत में नितिनी देखा? कितनी बार देखा और किस किस वक्त
जवाब:- हुजूर-ए-अक्स सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हज़रत जिबीत अलैहिस्सलाम को असली शक्ल में पूरी ज़िन्दगी में सिर्फ चार बार देखा।
एक उस वक्त जबकि आप सल्ल० गार-ए-हिरा में मौजूद थे और हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम तशरीफ लाए तो हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया, ऐ जिब्रील! मुझको अपनी असली शक्ल दिखलाओ तो हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम ने असली शक्ल दिखला दी।
- दूसरे मेराज में, यानी सिद्रतुल मुन्तहा पर।
- तीसरे मक्का के मुक्काम अजयाद पर और यह वाक़िज़ा जमाना-ए- नुबुव्वत के क़रीब पेश आया।
फतहुल बारी, हिस्सा 1, पेज 18, 19, बजारिकुल कुरआन, हिस्सा 1, पेज 24 तफसीर-ए-खाजिन, हिस्सा 4, पेज 19
- चौथे उस वक्त जबकि आपके बचा हज़रत हमजा रज़ियल्लाहु अन्हु ने आप सल्ल० से अर्ज़ किया था कि
- मैं हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम को उनकी असली सूरत में देखना चाहता हूँ।
- पहले तो हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मना किया कि तुम देख न सकोगे।
- उन्होंने अर्ज़ किया, आप दिखा दीजिए। आप सल्ल० ने फरमाया, बैठ जाओ।