500 साल पुराना इंद्रजाल PDF Free Download purana indrajal book असली प्राचीन महा इंद्रजाल PDF free download इन्द्रजाल बुक इन हिंदी पीडीऍफ़ डाउनलोड महा इंद्रजाल मंत्र इन हिंदी PDF Download
इंद्रजाल श्लोक इन हिंदी PDF
- कैलाश शिखरे रम्ये नाना रत्नोपशोभिते ।
- नाना दुम लताकीर्णे नाना पक्षिरवैर्युते ॥ १ ॥
- सर्वतु कुसुमा मोद मोदिते सुमनोहरे ।
- शैल्य सौगन्धमद्यादधे भरू दिसरूप विलायते ||२||
- अप्सरों गण संगीतकध्वनि निद्रिते ।
- सिरच्छाया तुमच्छायच्छादिते स्निग्ध ॥ ३ ॥
- सदाशिव सदानन्द करुणाऽमृत सागरम् ।
- कर्पूरकुन्द घवलं शुद्धसत्व मयं विभुम् ।। ६ ।।
- गिरिवर दीनानाथ योगीन्द्र योगिवल्लभम् ।
- गङ्गा सीकर संन्निकेत जटामंडल मंडितम् ||७||
- आशुतोषं ज्ञानमय कैवल्य फलदायकम् ।
- मुक्त कोकिल संदोहं सघूष्ट विपिनान्तरे ।
- सर्वदा स्वगणैः सार्धमृतुराल निसेवते ॥ ४ ॥
- सिद्ध चारण गन्धर्व गणपत्य गणेवृते ।
- तवमान घरे देव चराचर जगद्गुरुम् ॥ ५ ॥
- विभूति भूपित शतं ब्याल माल कपालिकम् ।
- त्रिलोचनं त्रिलोकेश त्रिशूलवर धारिणम् ॥ ८॥
- निरवकल्पम् निरातकं निरवे शेष निरंजनम् ॥१॥
- सर्वेषां हित कर्त्तारं देव देव निरामयम् ।
- अटु चन्द्रोज्वलद्भालपश्चवक्त्र सुभूषिताम् ||१०||
- प्रसन्न वदनं वीक्ष्ये लोकानां हित काम्यया ।
- विनयेन समायुक्ता रावणः शिवमब्रवीत् ||११||
सबसे पुराना इंद्रजाल किताब पीडीऍफ़ डाउनलोड
कुछ अंश सबसे पुराना इंद्रजाल किताब से शेयर कर रहे है जो निम्न है –
500 साल पुराना इंद्रजाल PDF Free Download Purana Indrajal- कैलाश पर्वत के रमणीय शिखर पर जहां अनेक प्रकार के रत्न शोभायमान रहते हैं, जहां तरह-तरह की बेल और लतायें तथा अनेक पक्षी कलरव करते रहते हैं।
ऋतुओं में जहाँ सुन्दर-सुन्दर सुमन प्रस्फुटित होते हैं, वह स्थान मन को प्रसन्नता- “दायक है। सुमन सुगन्ध फैलाते तथा शीतल समीर सुगन्ध स भरी चलती है, अप्सरायें भंकार युक्त गायन से गुजार उत्पन्न करतो हैं तथा पेड़ों की सर्वदा जहाँ स्थिर रह कर उक्त स्थान को शीतल बनाये
फोकिताओं के सुन्दर झुण्ड कुहू कुहूकर मीठी न तथा ऋतुराज वसन्त जहाँ विराजमान है। गणपत्य चारण, सिद्ध एवं गन्धर्व आदि शंकर के गणों से भरा-बुरा वह स्थान, जहां बमशंकर देवादि देव महादेव मौन भाव से ध्यान में लीन है। शम्भु करुणा के सिन्धु हैं अमृत के महोदधि है, ज्ञानमय हैं।
500 साल पुराना इंद्रजाल PDF Free Download Purana Indrajal
- Mmindrajaal
- Mantra-Sagar-by-Rameshwar-Jha.pdf
- Brihad Indrajala – Shri Mani Shukla.pdf download
- Iccha Shakti Ojha Indra Jala – Dehati Pustaka Bhandar.pdf
PDF NAME | Purana Indrajal |
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PAGE | 411 |
PDF SIZE | NA |
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CATEGORY | HINDU BOOK |
CREDIT | GKP HINDI, INTERNET |
PUBLISH DATE | 24/04/2023 |