क़यामत कब आएगी पीडीऍफ़ Qayamat Kab Aayegi PDF IN HINDI कयामत कब आएगी और कैसे आएगी qayamat kab aayegi quran ke hisab se PDF FREE DOWNLOAD
इस्लाम के अनुसार – क़यामत आने से पहले बहुत सी निशानिया का जाहिर होना तह है उनमे से कुछ निम्नवत है –
ज़मीन में धंस जाना
हदीस शरीफ़ में तस्रीह है कि तीन जगहों पर लोग जमीन में घसा दिए जाएंगे – एक पूरब में, दूसरे पच्छिम में, तीसरे घरव में । हजरत शाह साहब लिखते हैं कि यह प्रजाब तक़दीर के झुठलाने वालों पर भाएगा ।
- खुद हदीस में इसकी साफ़ तस्रीह भी प्रायी है
- जो हजरत अब्दु- ल्लाह बिन उमर रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि
- अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया कि
- इस उम्मत में जमीन में धंस जाना और शक्लों का बिगड़ जाना भी होगा
- और यह तकदीर के झठलाने वालों में होगा ।’
यमन से आग का निकलना
एक आग यमन से निकल कर लोगों का महशर की तरफ़ घेर कर पहुंचा देगी । साहिबे मिर्कात लिखते हैं कि महार से शाम की धरती मुराद है, क्योंकि हदीस से साबित है कि शाम की धरती में (सूर फू के जाने के बाद) हरर होगा ।
हज़रत शाह शाहब लिखते हैं कि उन्हीं दिनों (जब कि जमीन पर कोई अल्लाह अल्लाह कहने वाला न रहेगा ) शाम देश में अम्न होगा प्रौर गल्ला भी सस्ता होगा, चाहे सौदागर हों, चाहे दस्तकार हों, चाहे सरमाएदार हों, ग़रज यह कि सब के सब घर के सामान लाद कर शाम देश की तरफ रवाना हो जाएंगे पौर जो लोग दूसरे मुल्कों में चले गये थे,
क़ियामत के बिल्कुल क़रीब लोगों की हालत और क़ियामत का आना
वे भी शाम देश में आकर आवाद हो जाएंगे और थोड़े ही दिनों के बाद एक बहुत बड़ी भाग जाहिर होगी श्रीरं लोगों को खदेड़ती हुई शाम देश पहुंचा देगी। इसके बाद वह भाग गायब हो जाएगी। कुछ दिनों बाद लोग अपने-अपने वतनों का रुख करेंगे (धौर दूसरे मुल्कों में भी आदमी जाकर वापस जाएंगे) लेकिन शाम देश में पूरी ग्राबादी रहेगी। यह क्रियामत के नजदीक विल्कुल धाखिरी निशानी होगी और इसके तीन-चार वर्ष बाद क्रियामत प्रा जाएगी।
समुद्र में फेंकने वाली हवा
मुस्लिम की एक रिवायत में दस निशानियों में से क्रियामत की एक निशानी यह भी जिक्र फ़रमायी है कि एक हवा ऐसी जाहिर होगी जो लोगों को समुद्र में फेंक देगी। इसकी इससे ज्यादा तरीह किसी किताब में मेरी नजर से नहीं गुजरी ।
क़ियामत के क़रीब होने की कुछ और बड़ी निशानियां
हजरत ईसा अलैहिस्सलाम के बाद जिहालत और बद-दीनी बढ़ती चली जाएगी, यहां तक कि जमीन में कोई अल्लाह अल्लाह कहने वाला भी बाक़ी न रहेगा और बहुत ही बुरे इंसान दुनिया में रह जाएंगे और उन्हीं पर क़ियामत कायम होगी।
इस दौरान में क्रियामत की बाक़ी निशानियां भी जाहिर हो लेंगी, जिनका हदीसों में जिक्र आया है, जैसे हजरत हुजफ़ा जियल्लाहु तमाला अन्हु की रिवायत है कि ग्रहजरत सल्लल्लाहु तआला अलैहि व सल्लम ने इर्शाद फ़रमाया कि क़ियामत हरगिज़ कायम न होगी, जब तक तुम इससे पहले दस निशानियां न देख लो।
- धुवां,
- दज्जाल,
- दाम्बतुलअर्ज (धरती का जीव)
- पच्छिम से सूरज का निकलना,
- हजरत ईसा अलैहिस्सलाम का प्रासमान से नाजिल होना,
- याजूज- माजूज का निकलना,
- जमीन में तीन जगह लोगों का धंस जाना, एक पूरव में, दूसरा पश्चिम में धौर तीसरा धरब में, और
- इन सब के आखिर में प्राग यमन से निकलेगी, जो लोगों को उनके महशर की तरफ़ (घेरै कर) पहुंचा देगी।
- दूसरी रिवायत में दसवीं निशानी (भाग के बजाए) यह जिक्र फ़रमायी कि
- एक हवा निकलेगी, जो लोगों को समुद्र में डाल देगी।
-मिश्कात