तनहाई के सबक पीडीएफ डाउनलोड Tanhai Ke Sabaq Hindi PDF Download तनहाई के सबक पीडीएफ डाउनलोड हिंदी tanhai ke sabaq hindi book pdf download
इन हालतों में मुबाशरत न करनी चाहिए
इन हालतों में भुबाशरत न करनी चाहिए जिस वक्त पेट भरा हुआ इसलिए इस वक्त तबीयत गिजा हजम करने की तरफ मुतवज्जे होती है अगर गुबाशरत होगी तो हजम में खराबी पैदा होगी जिसकी खराबी से तमाम खराबियां (बीमारिया) पैदा होती हैं इसी वजह से शुरू रात में मुबाशरत करना मना है कि इस वक्त मैदा गिजा से भरा रहता है।
और खाली पेट भी मुबाशरत न करें इसलिए कि खुसिये अपनी सिजा गुर्दों से तलब करते हैं और गुर्दे जिगर से और जिगर भेटे से और मैदा इस वक्त खाली होगा तो जिस्म कमज़ोर हो जायेगा, और जिस्म की कमजोरी रूह के कम और घटने का जरिया है ताकत भी खत्म हो जाती है. गशी खौफ और दक की बीमारी पैदा होती है। खाली पेट का नुकसान भरे हुए पेट से ज्यादा है।
तनहाई के सबक पीडीएफ
तनहाई के सबक पीडीएफ डाउनलोड Tanhai Ke Sabaq Hindi PDF करने से पहले कुछ अंश पढ़े –
साफ़ करने का कपड़ा अलग अलग होना चाहिए
- शौहर अपने आला-ए-तनासुल को और
- औरत अपनी शर्मगाह अलग अलग साफ कपडे से साफ करें
- एक ही कपडे से दोनों अपनी गदगी साफ न करें एक ही कपडे से
- साफ करने से जीजेन (मियां बीवी) के दर्मियान दुशमनी अदावत नाइत्तेफाकी पैदा होती है।
मुबाशरत के बाद की मिज़ा
- मुबाशरत करने के बाद कोई मीठी चकनी गिजा जरूर इस्तेमाल करे
- जैसे कि कोई हलवा वगैरह (जिनको मैं यहां पर लिखने से किताब लम्बी होने का खौफ रखता हूँ) खायें
- ताकि जिस्न और रगों का सनसनाना जो मुबाशरत के बाद होता है न हो
- मुबाशरत के बाद ठंडी मिजा हरगिज़ नहीं खाये इससे रंगो व पुट्ठों में सुस्ती पैदा हो जाती है.
- तिब्बी व साइंस के ऐतशर से ये बात जरूरी है कि मुंह हाथ धोकर खायें।