शैतान का इंटरव्यू पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड Shaitan Ka Interview PDF DOWNLOAD IN HINDI – शैतान का इंटरव्यू किताब पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड करें हिंदी में लिखा हुआ
इस्लाम में कुरआन पाक में शितान का जिक्र मिलता है ऐसे में इसी पर आधारित किताब शैतान का इंटरव्यू पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड करें जिसका डाउनलोड लिंक सबसे आखिर में शेयर किया गया है
शैतान का इंटरव्यू
शैतान को देखना या उससे इण्टरव्यू लेना एकख़याली बात हो सकती है लेकिन शैतान की साज़िशें, मक्र व फ़रेब एक हक़ीक़त है. इस किताब के प्रकाशन का मक़सद सिर्फ़ यह है कि लोग शैतान के शर से बचें. इस मुख़्तसर-सी किताब में इबलीस की चालों और साज़िशों से ख़बरदार करने की कोशिश की गई है
लेखक की सोच है कि अगर इबलीस से इन्टरव्यू मुमकिन होता तो शायद सवाल-जवाब कुछ इस तरह होते. दरअसल लेखक ने कुअन व हदीस की किताबों में शैतान का जो नक्शा खींचा गया है, उसकी जो साज़िशें बतलाई हैं, उन्हीं को बुनियाद (आधार) बनाकर इस किताब को तब दिया है. मुझ नाचीज़ सम्पादक ने इसमें ज़रूरत के मुताबिक़ कुअन हदीस की रोशनी में कुछ बढ़ोतरी की है. अगर इसमें कोई कमी नज़र आए तो बराए मेहरबानी तवज्जुह दिलाकर हमारी इस्लाह करें.
इस किताब के छापने का बुनियादी मक़सद सिर्फ़ और सिर्फ़ यही है किलोग अपने कट्टर दुश्मन शैतान इबलीस से बच सकें. इस किताब को कुछ साहिबे-ख़ैर हज़रात ने छपवाकर श्री-सबीलिल्लाह बंटवाने का इंतज़ाम किया है. अल्लाह उनके खुलूस को कुबूल फ़र्माए और इसका बेहतर अर अता फ़र्माए, आमीन!!
शैतान का इंटरव्यू पीडीऍफ़
शैतान से इन्टरव्यू पीडीऍफ़ किताब से कुछ अंश पढ़े हिंदी में लिखा हुआ =
सवाल : तुम्हारा नाम ?
- जवाब- शैतान : इमलीस (प्यार से लोग मुझे और अपने बच्चों को शैतान कहते हैं)।
- सवाल : इससे पहले कि सवालात का सिलसिला शुरू किया जाये
- एक छोटी-सी बात पर अक्सर भाई बहनों को शिकायत है कि
- वो अनुविल्लाहि मिनरतानिरंजीम भी पढ़ते हैं, मगर तुम हो कि जाते ही नहीं।
- जवाब- शैतान : कमाल है तुम कहते हो कि मैं जाता नहीं मैं कहता हूँ कि मैं आता ही नहीं।
- सवाल : भला ये क्या बात हुई? इन्टरव्यू से पहले तुम खुद ही कह रहे थे कि तुम्हारे पास वक़्त कम है
- और मुक़ाबला सड़त है। अब खुद ही हंसी मज़ाक में वक़्त ज़ाया (बर्बाद कर रहे हो।
- जवाब- शैतान: मज़ाक करना तो जाहिलों का काम है शायद तुम मेरी बात पूरी तरह समझ नहीं पाये।
- फिर से दोहरा देता है, तुमने कहा कि अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि अऊजु बिल्लाह पढ़ने से मैं जाता नहीं
- मैंने जवाब दिया में आता ही नहीं। लो सुनो अभी समझा देता हूँ
- तुमने किसी उम्मीदवार को इलेक्शन मुहिम के दौरान वोट मांगने तो ज़रूर देखा होगा।
- इलेक्शन तो हमारे हमारे यहाँ हर रोज़ का ड्रामा है।
- उम्मीदवार साहब टी पार्टी (चाय पार्टी) के चंद मेम्बरों को साथ लेकर घर-घर वोट मांगते फिरते हैं
- ज्योंही एक साथी किसी घर की घंटी बजाने लगे उम्मीदवार साहून चौके
- और कहने लगे किघंटी बजाकर वक्त जाया (बर्बाद) न करो इधर जाने की ज नहीं ये अपना ही आदमी है।
- भोले भैया इसी तरह तुम भी मेरे अपने ही आदमी हो।