सच्ची नमाज की किताब पीडीऍफ़ डाउनलोड NAMAZ KI KITAB PDF NEW: दुनिया एक किराए का घर है एक न एक दिन जाना पड़ेगा इसलिए जाने से पहले आखिरत की तैयारी जितनी जल्दी करें उतना बढ़िया होगा क्योंकि कब मौत के फ़रिश्ते हमें घेर ले हमें पता भी नहीं होता है
नमाज अगर आपको पढ़ने आता हो तो अच्छी बात है अगर नहीं आता तो नमाज पढ़ना सीखे इसके लिए हिंदी में उर्दू में अरबी में और और अन्य भाषाओँ में भी नमाज की किताब पीडीऍफ़ इन्टरनेट पर आसानी से मिल जायेगी आज हम आपके लिए सच्ची नमाज की किताब पीडीऍफ़ डाउनलोड लिंक शेयर कर रहे है
नमाज के फर्ज
- नमाज़ के फ़राइज़
- फर्ज नमाज़ में 12 फ़र्ज़ हैं
- जिनमें से चन्द ऐसे हैं जिन का नमाज़ से पहले होना जुरुरी हैं
- और उनको नमाज़ के खार्जी फराइज़ और शराइते नमाज़ भी कहा जाता है
- और चन्द फराइज़/फर्ज वह हैं जो दाखिले नमाज़ हैं
- सबकी फिहरिस्त यह है :-
- शराइते नमाज – नमाज के फर्ज
- तिहारत यानी वदन और कपड़ों का पाक होना
- सतरे औरत बानी मर्दो को नाफ से घुटनों तक
- और औरतों को चहरे और हथेलियों और कदमों के अलावा तमाम बदन का ढाँकना फर्ज है
- नमाज़ का वक्त होना
- किब्ला की तरफ रुख होना
- नमाज़ की नीयत करना :- फराइज़े नमाज्ज
- तकवीरे तहरीमा
- क़याम यानी खड़ा होना
- किरअत
नमाज वाजिब हिंदी
- वाजिबाते नमाज़
- जैल की चीज़े नमाज़ में वाजिव हैं
- तहरीमा में लफ्ज़े अकबर कहना
- अलहम्द पढ़ना और इसके साथ कोई सूरत मिलाना
- फर्ज़ की पहली दो रकअतों में किरअत करना
- अलहम्दु को सूरत से पहले पढ़ना
- रुकून करके सीधा खड़ा होना
- दोनों सिज्दों के दरमियान बैठना
- पहला काब्रदह करना
- पहले कादह में अत्तहियात के बाद कुछ न पढ़ना
- हर काअदह में अत्तहियात का पढ़ना
- लफ्ज़े अस्सलाम आखिर में २ बार कहना
- १० जुहर व अस्र में किरअत आहिस्ता आहिस्ता पढ़ना
- इमाम के लिये मगरिब व इशा की पहली दो रातों और फज्र व जुम्ना व इदैन और तरावीह की सब रक आतों में बुलन्द आवाज़ से किरात करना
- वित्र में दुबाए कुनूत का पढ़ना
- इदैन में ६ तकवीरें ज़्यादा कहना
- वाजिवात में से अगर कोई वाजिव भूल कर छूट जाए तो सिज्दए से नमाज़ हो जायेगी
- अगर कसदन किसी वाजिव को छोड़ दिया तो
- दुबारा नमाज़ पढ़ना वाजिव है सिज्दए सहव से भी काम न चलेगा।