नमाज के अहकाम पीडीएफ डाउनलोड Namaz Kay Ahkam PDF FREE namaz ke ahkam book hindi Namaz Ke ahkam book Dawateislami free download pdf IN HINDI
Namaz Kay Ahkam PDF: नमाज, इस्लामी धर्म का महत्वपूर्ण अदायगी है और इसके अहकाम (नियम) इस्लामी शरीयत में स्पष्ट रूप से व्यक्त किए गए हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण नमाज के अहकाम हैं:
नमाज के अहकाम -Namaz Kay Ahkam
- तहरत (पवित्रता):
- नमाज के पूर्व व्यक्ति को वजीफा वाली जगह (मस्जिद या घर में नमाज पढ़ने की जगह) पर
- तहरत की आवश्यकता होती है। इसके लिए व्यक्ति को वजीफा वाली जगह को
- साफ-सुथरा करना चाहिए और वुजू (धर्मिक नियमों के अनुसार नित्यक्रिया का पालन करना) करना चाहिए।
- नियत (इरादा):
- नमाज पढ़ने से पहले व्यक्ति को स्पष्ट रूप से नियत करनी चाहिए कि
- उसका उद्देश्य खुदा की इबादत करना है। नियत करते समय व्यक्ति को
- मन में नमाज के अंग, संख्या और किस नमाज की इबादत करनी है,
- इन सभी विवरणों को स्पष्ट रूप से सोचना चाहिए।
- तकबीर (खुदा हु अकबर):
- नमाज की शुरुआत में व्यक्ति को अपने हाथ ऊपर
- उठाकर “अल्लाह हु अकबर” कहना चाहिए। यह तकबीर नमाज की
- आरंभिक तक़रीर (प्रवचन) होती है और इसे अहकाम की प्राथमिकता में पढ़ना चाहिए।
- रुकू (झुकाव):
- नमाज के दौरान रुकू करते समय व्यक्ति को अपने हाथों को
- गोड़ी में रखकर झुकना चाहिए। रुकू में व्यक्ति को “सुब्हान रब्बियल आजीम” कहना चाहिए,
- जिसका अर्थ होता है, “मेरे बड़े रब की महिमा हो।”
- सजदा (सिर झुकाना):
- नमाज के दौरान सजदा करते समय व्यक्ति को अपने सिर को जमीन पर रखना चाहिए।
- सजदे में व्यक्ति को “सुब्हान रब्बियल आला” कहना चाहिए,
- जिसका अर्थ होता है, “मेरे उच्चतम रब की महिमा हो।”
- तशहुद (दोष्रे सजदे के बाद बैठना):
- नमाज की अख़्यारी में व्यक्ति को दूसरे सजदे के बाद तशहुद में बैठना चाहिए।
- इस समय व्यक्ति को दरूद शरीफ (मुहम्मद पर सलामती भेजने की दुआ) पढ़नी चाहिए।
- सलाम (शांति की दुआ):
- नमाज के अंत में व्यक्ति को अपने दाईं और बाईं तरफ मुड़कर
- “अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह” कहकर सलाम देना चाहिए,
- जिसका अर्थ होता है, “तुम पर शांति और अल्लाह की रहमत हो।”
नमाज के अहकाम पीडीएफ डाउनलोड
यहां दिए गए अहकाम नमाज की सामान्य प्रकार के लिए हैं। हर नमाज का अपना विशेष मार्गदर्शन होता है, जो वक्त, संख्या, और अंगों की व्यवस्था में भिन्न हो सकता है। इसलिए, नमाज के संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको अपने मशवरेदार या इस्लामी धर्मगुरु से संपर्क करना चाहिए।