मुह्हम्म्द ﷺ पीडीऍफ़ इन हिंदी Muhammad Book PDF in Hindi

मुह्हम्म्द ﷺ पीडीऍफ़ इन हिंदी Muhammad Book PDF in Hindi ﷺ – हजरत मुहम्मद की जीवनी पीडीऍफ़ इन हिंदी हजरत मोहम्मद साहब की जीवनी PDF बुक इन हिंदी फ्री डाउनलोड

- Advertisement -

इस्लामिक बुक मुह्हम्म्द ﷺ पीडीऍफ़ इन हिंदी ( Muhammad Book PDF in Hindi ) डाउनलोड करें सबसे आखिर में डाउनलोड लिंक शेयर किया गया है

मुह्हम्म्द ﷺ पीडीऍफ़

इस्लामिक किताब मुह्हम्म्द ﷺ पीडीऍफ़ इन हिंदी से कुछ अंश पढ़े – इस्लाम के पैग़म्बर मुहम्मद

मुहम्मद (सल्ल०) का जन्म अरब के रेगिस्तान में मुस्लिम इतिहासकारों के अनुसार २० अप्रैल मन ५७१ ई० में हुआ। ‘मुहम्मद’ का अर्थ होता है ‘जिस की अत्यन्त प्रशंसा की गई हो।’ मेरी नज़र में आप अरब के तमाम सप्तों में महाप्रज्ञ और सब से उच्च बुद्धि के व्यक्ति हैं। क्या आप से पहले और क्या आप के बाद, इस लाल रेतीले अगम रेगिस्तान में जन्मे सभी कवियों और शासकों की अपेक्षा आप का प्रभाव कहीं ज्यादा व्यापक है।

जब आप प्रकट हुए अरब लीगमहाद्वीप केवल एक सूना रेगिस्तान था। मुहम्मद (सल्ल०) को सशक्त आत्मा ने इस सूने रेगिस्तान से एक नये संसार का निर्माण किया। एक नये जीवन का, एक नयी संस्कृति और नयी सभ्यता का। आप के द्वारा एक ऐसे नये राज्य की स्थापना हुई, जो मराकश से लेकर इंडीज़ तक फैला। और जिसने तीन महाद्वीपों – एशिया, अफ्रीका और यूरोप के विचार और जीवन पर अपना असर डाला।

मैंने जब पैग़म्बर मुहम्मद के बारे में लिखने का इरादा किया, तो पहले तो मुझे संकोच हुआ, क्योंकि यह एक ऐसे धर्म के बारे में लिखने का मामला था जिसका मैं अनुयायी नहीं हूं। और यह एक नाजुक मामला भी है, क्योंकि दुनिया में विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोग पाये जाते हैं और एक धर्म के अनुयायी भी परस्पर विरोधी मतों (Schools of Thoughts) और फिरकों में बटे रहते हैं।

मुह्हम्म्द ﷺ पीडीऍफ़ इन हिंदी

मुह्हम्म्द ﷺ पीडीऍफ़ इन हिंदी Muhammad Book PDF in Hindi

  • हालांकि कभी-कभी यह दावा किया जाता है कि धर्म पूर्णतः एक व्यक्तिगत मामला है
  • लेकिन इस से इन्कार नहीं किया जा सकता कि
  • धर्म में पूरे जगत को अपने घेरे में ले लेने की प्रवृत्ति पायी जाती है
  • चाहे उस का संबंध प्रत्यक्ष से हो या अप्रत्यक्ष चीज़ों से।
  • वह किसी न किसी और कभी न कभी हमारे हृदय, हमारी आत्माओं और हमारे मन और मस्तिष्क में
  • अपनी गह बना लेता है। चाहे | उसका ताल्लुक उसके चेतन से हो. अवचेतन या अचेतन में हो
  • या किसी ऐसे हिस्से मे हो जिस की हम कल्पना कर सकते हों।
  • यह समस्या उस समय और ज्यादा गंभीर और अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाती है
  • जब कि इस बात का गहरा यकीन भी हो कि हमारा भूत, वर्तमान
  • और भविष्य सब के सब एक अत्यन्त कोमल, नाजुक, संवेदनशील रेशमी सूत्र से बंधे हुए हैं।
  • यदि हम कुछ ज्यादा ही संवेदनशील हुए तो फिर हमारे सन्तुलन केन्द्र के अत्यन्त तनाव की स्थिति में
  • रहने की संभावना बनी रहती है। इस दृष्टि से देखा जाये, तो दूसरों के धर्म के बारे में जितना कम कुछ कहा जाये उतना ही अच्छा है।
  • हमारे धर्मों को तो बहुत ही छिपा रहना चाहिए। उन का स्थान तो हमारे हृदय के अन्दर होना चाहिए और इस मिलसिले में हमारी जबान विल्कल नहीं खलनी चाहिए।
  • लेकिन समस्या का एक दसरा पहल भी है। मनुष्य समाज में रहता है
  • और हमारा जीवन चाहे-अनचाहे, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दूसरे लोगों के जीवन से जुड़ा होता है।
  • हम एक ही धरती का अनाज खाते हैं, एक ही जल स्रोत का पानी पीते हैं
  • और एक ही वायुमंडल की हवा में साम लेते हैं। ऐसी दशा में भी,
  • जबकि हम अपने निजी विचारों व धार्मिक धारणाओं पर कायम हों

Muhammad Book PDF Download in Hindi

This book was brought from archive.org as under a Creative Commons license, or the author or publishing house agrees to publish the book. If you object to the publication of the book, please contact us.for remove book link or other reason. No book is uploaded on This website server. Only We given external Link

Related PDF

LATEST PDF