कल्कि अवतार और मुहम्मद साहब PDF kalki avatar aur muhammad sahib pdf – हिन्दुओं के धार्मिक ग्रन्थों में “कल्कि अवतार अहमद ” संसार भर के विभिन्न धर्मों के आधारभूत ग्रन्थों में कलियुग में प्रकट होने वाले कल्कि अवतार का उल्लेख मिलता है। साथ ही उसके सुन्दर सुनहरे श्रेष्ठ और महत्वपूर्ण कारनामों और कामों का उल्लेख भी मिलता है उसके “अहमद” नाम होने में हिन्दुओं तथा मुसलमानों की पुस्तकों में सहमति पाई जाती है।
अवतारवाद अथवा रिसालते जारिया विश्व भर के सभी धर्मों, जैसे पारसी धर्म (ईरान), हिन्दू धर्म, मुसलमान, सिख, बौद्ध, इसाई, यहूदी धर्मों वाले कहते हैं कि कलियुग में एक अवतार, सुधारक व मुस्नेह प्रकट होगा, जो सब जातियों का सांझा, वैश्वानरस्य, जगत गुरू होगा।
जो समस्त जातियों को तथा सब धर्मों के अनुयायियों को एक स्थान पर तथा एक ही सत्यधर्म पर ला इकट्टा करेगा। सब में अदल-न्याय और एक विश्वव्यापि भाई-चारा Universal brotherhood और मसाबात एवं अमन व शान्ति स्थापित कर देगा। इस प्रकार मानव मात्र प्रेम से जीवन व्यतीत कर सकेंगे तथा समाज स्वर्ग बन जायेगा ।
कल्कि अवतार और मुहम्मद साहब
“कि हिफ़ज़े रियाज़त गज़ीनाँ कुनम
मुराआत उज़लत् नशीनाँ कुनम”
अर्थात “ताकि मैं उपासना करने वालों की रक्षा करूँ और एकान्त में, मुराक़बा, में बैठे ध्यान मग्न साधु जनों की मुरादें पूरी करूं । (फ़ैज़ी) ।
श्री भगवत् गीता के संसार की अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं। गीता के 4:7:8 श्लोकों का अनुवाद यही किया गया है कि घोर पापों भरे काल में श्री कृष्ण जी महाराज अवतार धारण करके संसार में सत्य धर्म की उन्नति के लिए प्रकट होते हैं ।
अहमद नाम” कल्कि पुराण के अनुसार कलियुग में वह अहमद नाम से प्रकट होंगे । कल्कि पुराण बाब नं. 2, अध्याय नं. 1 श्लोक नं. 47, 48 पृ. नं. 48 अनुवादक हरदयाल शर्मा, प्रकाशक पं. ईश्री परसाद, मनेजर, समाचार पत्र भारत वासी, सदर बाज़ार मेरठ, सन् 1897 ई.
श्री कृष्ण महाराज ने श्रीमद् भगवत् गीता के रूप में संसार को नवीन ज्ञान दिया । उसी का प्रचार किया, तथा कल्कि अवतार “अहमद” और नवीन ज्ञान की शुभ ख़ुश्ख़बरियाँ दीं क्योंकि;
“न वेद, जप से मिल सके न, दान तप से मिल सके । न जग, न कर्म काँड से, दिखाई दे सके हरी ॥ “
(श्रीमद भगवत् गीता, 11:48, 1 दिल की गीता, पृ. 232)
पवित्र ग्रन्थों में यह भी लिखा हुआ है कि कलियुग में श्री कृष्ण जी महाराज का प्रादुर्भाव ‘अहमद’ नाम से होगा । गुरू नानक देव जी महाराज ने भी कहा है कि ” पर जामाँ उसका मुसलमानी होगा।”
(जन्म साखी विडी, भाई बाला जी)
वह अहमद दुष्टों, आतन्कवादियों, आततायियों, पापियों, का सुधार तथा सर्वनाश, करेगा । साधु स्वभाव लोगों की रक्षा करेगा ।
(श्रीमद भगवत् गीता, प्रतीक नं. 7-8 अध्याय नं. 4)
कल्कि अवतार और मुहम्मद साहब PDF
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शब्द ‘अहमद’ पर एक दृष्टि –
ऋग्वेद, सामवेद और अथर्ववेद तीनों वेदों में ‘अहमद’ शब्द 31 बार आया है । अथर्ववेद 20:115 के केवल तीन ही मंत्र हैं । मन्त्र नं. 1 का सब से पहला शब्द ‘अहमद’ है । इस मन्त्र में दूसरी बार ‘अहमद’ के स्थान पर शब्द ‘अहँ’ सर्वनाम (Proper Noun) प्रयुक्त हुआ है । व्याकरण के नियंताओं, (मुक़न्नेनीन लिस्सानियात) के नियमों के अनुसार सब से पहले कर्ता प्रयुक्त हुआ करता है तथा दूसरी बार कर्ता के स्थान पर सर्वनाम प्रयुक्त हुआ करता है ।
- यह संसार भर की सभी भाषाओं का सांझा और आधारभूत नियम है ।
- यह नियम सब का माना हुआ है कि संसार की कोई भाषा
- व्याकरण के बिना एक क़दम भी आगे नहीं चल सकती ।
- अथर्ववेद 20:115 के पहले मन्त्र 1 का पहला शब्द अहमद कर्ता है ।
- दूसरी बार अहमद के स्थान पर ‘अह’ सर्वनाम मौजूद है
- ‘अहं’ सर्वनाम का प्रयोग बताता है कि सर्वनाम से पहले कोई न
- कोई कर्ता अथवा इस्म ज़ाहिर, संज्ञा प्रयुक्त हो चुका है तथा वह है ‘अहमद‘ ।