जाति का विनाश बुक पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड jati ka vinash book

जाति का विनाश बुक पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड jati ka vinash book pdf free download जाति का विनाश बुक pdf download जाति का विनाश book pdf download

- Advertisement -

भारत में बहुत धर्म के लोग रहते है साथ ही सभी धर्म के लिए कई प्रकार की जातियों में विभाजित है ऐसे में जाति का विनाश बुक पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड jati ka vinash book करने के लिए शेयर कर रहे है

जाति का विनाश बुक

राजनीतिक सुधार के लिए सामाजिक सुधार क्यों जरूरी है?

भारत में समाज सुधार का काम स्वर्गारोहण (कम से कम, भारत में) की तरह अनेक कठिनाइयों से भरा हुआ है। भारत में समाज सुधार के मित्र थोड़े और आलोचक बहुत अधिक हैं। आलोचकों को स्पष्ट रूप से दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। एक वर्ग राजनीतिक सुधारकों का है और दूसरा समाजवादियों का।

एक समय यह माना जाता था कि सामाजिक कार्य- कुशलता [6] के बिना सक्रियता के अन्य सभी क्षत्रों में स्थायी सामाजिक प्रगति असंभव है। कुरीतियों द्वारा की जाने वाली शैतानी के कारण हिंदू समाज में कार्य कुशलता

का अभाव है और इन बुराइयों को खत्म करने के लिए अथक प्रयत्न किया जाना चाहिए। इस तथ्य की स्वीकृति के परिणामस्वरूप ही ‘नेशनल कांग्रेस'[7] के जन्म के साथ ही ‘सोशल कांफ्रेंस'[8] (समाज सुधार सम्मेलन) की भी नींव रखी गयी। जहां कांग्रेस की चिंता देश की राजनीतिक व्यवस्था के कमजोर पहलुओं को परिभाषित करने की थी

जाति का विनाश बुक पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड jati ka vinash book

  • प्रिय विजिटर यह लेख का कुछ अंश है
  • अगर पूरा लेख पढ़ना चाहते है तो
  • जाति का विनाश बुक पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड jati ka vinash book करें
  • वहीं सोशल कांफ्रेंस हिंदू समाज की सामाजिक व्यवस्था के
  • कमजोर पहलुओं को दूर करने में लगी हुई थी।
  • कुछ समय तक कांग्रेस और कांफ्रेंस,
  • दोनों एक ही साझा कर्म के दो डैनों की तरह काम करते रहे
  • और उनका वार्षिक अधिवेशन एक ही पंडाल में होता रहा।
  • लेकिन जल्द ही दोनों डैनों ने दो पार्टियों का रूप ले लिया-
  • पहली, राजनीतिक सुधार पार्टी और दूसरी, सामाजिक सुधार पार्टी
  • और दोनों के बीच भयावह विवाद होने लगा। इस तरह, दोनों पार्टियां
  • एक-दूसरे के विरोधी शिविरों में ढल गयीं। विवाद का विषय यह था
  • कि क्या सामाजिक सुधार राजनीतिक सुधार के पहले होना चाहिए।
  • दस साल तक दोनों पक्षों की ताकत बराबर बनी रही और इस लड़ाई में किसी एक पक्ष की जीत नहीं हुई।
  • लेकिन यह साफ दिखाई पड़ता था कि सोशल कांफ्रेंस तेजी से कमजोर हो रही है।

jati ka vinash book pdf free download

PDF NAMEjati ka vinash book
PAGENA
PDF SIZENA
CATEGORYHINDUISM BOOK
DOWNLOADYES LINK
CREDITGKP HINDI
This book was brought from archive.org as under a Creative Commons license, or the author or publishing house agrees to publish the book. If you object to the publication of the book, please contact us.for remove book link or other reason. No book is uploaded on This website server. Only We given external Link

Related PDF

LATEST PDF