इस्लामी तंत्र शास्त्र pdf free download islamic tantra shastra pdf – अगर इस्लामी तंत्र शास्त्र pdf free download करना चाहते है अंत में डाउनलोड लिंक शेयर किया गया है
islamic tantra shastra pdf इस्लामी तन्त्र शास्त्र.
- तन्त्र एक ऐसा कल्पवृक्ष है जिससे
- छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी
- कामनाओं की पूर्ति सुलभ है।
- भदा और विश्वास के सम्बल पर
- लक्ष्य की ओर बढ़ने वाला तन्त्र साधक
- अतिशीघ्र निश्चित लक्ष्य- को प्राप्त कर लेता है।
भावों को प्रकट करने के साधनों का आदिस्रोत मन्त्र-तन्त्र दी है। यन्त्र- तन्त्र के विकास से ही अंक और अक्षरों की सृष्टि हुई है। अतः रेखा, अंक एवं अक्षरों का मिला-जुला रूप तन्त्रों में व्याप्त हो गया। साधकों ने इष्टदेव की अनुकम्पा से बीज-मन्त्र तथा मन्त्रों को प्राप्त किया और उनके जप से सिद्धियाँ पायी तो मन्त्र- तन्त्र में उन्हें भी अंकित कर लिया ।
इस्लामी तंत्र शास्त्र pdf free download
पुस्तक इस्लामी तंत्र शास्त्र PDF से कुछ अंश शेयर कर रहे है जिसे डाउनलोड करके आप पढ़ भी सकते है –
हिन्दू-देवताओं में शिव शक्ति तथा सूर्य पाँच प्रमुख माने जाते हैं। इनके उपासकों को संव गाणपत्य तथा सौर कहा जाता है। योपासना इन पाँचों देवताओंों के भों में प्रचलित है, तथापि विष्णु, गणेश एवं सूर्य के अधिकांश उपा सात्विक तथा शिव और शक्ति के उपासक सात्विक, राजसी एवं तामसी इन तीनों प्रकार की उपासना पद्धतियों में विश्वास रखने वाले पाये जाते हैं।
- इस्लामी तंत्र शास्त्र pdf free download- यो तत्व-विद्या का आदि
- बाचार्य भगवान् भूतभावन शंकर को हो माना गया है।
- शंकर की मान्यता एक ऐसे देवाधिदेव के रूप में की बाती है
- जो न केवल शक्ति के स्वामी (पति), गणेश के पिता एवं विष्णु तथा सूर्य के आराध्य हो हैं
- अपितु इनके अतिरिक्त अन्यान्य उप देवताओं, भूत, प्रेत पिशाच,
- यक्ष, गंधर्व, किन्नर आदि के भी अधिपति और नियामक है।
- दुर्गा, काली, तारा आदि विविध रूपों वाली शक्ति तो अपनी
- अनुपरियों-भूतनी, प्रेतनी, पिशाचनी, चाण्डालिनी यादि के सहित उनकी मर्दानी है हो ।
- अस्तु, हिन्दू-तान्त्रिकों में शिवोपासना का परि महत्व है।
- लोक में शुभ-अशुभ, आनन्दप्रद एवं घृणास्पद, जीवनदायक तथा संहारक तात्पर्य यह है कि
- सभी प्रकार के तान्त्रिक प्रयोग शंकरा नुयायियों द्वारा किये जाते हैं।
- हमारे द्वारा सम्पादित ‘हिन्दू तत्व शा मैं सात्विक तान्त्रिक प्रयोगों
- तथा ‘शावर तन्त्र शास्त्र’ में राजस, टामस आदि सभी प्रकार के तान्त्रिक प्रयोगों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
जैन तथा बौद्ध सम्प्रदायों की गणना भी विराट हिन्दू धर्म के अन्तरं ही की जाती है तथापि इनको पूजा-उपासना एवं तान्त्रिक विधियों में पर्याप्त अन्तर पाया जाता है। इनके विषय में हमारे द्वारा सम्पादित ‘जैन’ एवं ‘बी तन्त्र शास्त्र’ नामक ग्रन्थों में पर्याप्त प्रकाश बोला है।