चमत्कारी मंत्र साधना पीडीऍफ़ Chamatkari Mantra Sadhana PDF FREE DOWNLOAD mantra sadhana rules chamatkari mantra sadhana book download in hindi
मन्त्रों का अपना एक अलग विज्ञान है, जिसके सम्पूर्ण रहस्यों को समझ पाना सरल नहीं है। तान्त्रिक बहल ने अपने एक विशेष अनुभव कि मन्त्र न केवल ध्वनि विज्ञान है वरन् उच्चारण के समय होने वाली शारीरिक क्रियाओं से जो लघ व्यायाम होता है, वह भी एक अलौकिक क्रिया है। इस तथ्य को ध्यान में रखकर इस पुस्तक की रचना की है।
इसके अतिरिक्त अन्य कई चमत्कारी साधनायें भी इस पुस्तक में दी गई हैं। कौआ तन्त्र, मन्त्र तथा उलूक तन्त्र-मन्त्र इस संस्करण की एक विशेष उपलब्धि है।
चमत्कारी मंत्र साधना
मन्त्रों का चमत्कारी प्रभाव – चमत्कारी मंत्र साधना पीडीऍफ़ ( Chamatkari Mantra Sadhana PDF )
अब ध्वनि विज्ञान का प्रभाव एक पाश्चात्य वैज्ञानिक ने भी सिद्ध किया है। उसने बहार के उच्चारण से निकलने बाली तरंगों से उत्पन्न शक्ति का वर्णन करते हुए लिखा कि यदि ‘ओं’ का उच्चारण विधिपूर्वक किया जाये तो उससे एक दीवार तक ध्वस्त हो सकती है। फांस की एक महिला ने ध्वनि विज्ञान पर अनेक परीक्षण किये।
उसने सिद्ध किया कि ध्वनि के साथ हृदय का सीधा सम्बन्ध रहता है। महिला वैज्ञानिक फिलनांग ने एक वीणा तैयार की उसमें भीतर नीचे की ओर तारों के साथ एक चाक का टुकड़ा बांध दिया इसके बाद लाक एक बोर्ड पर लगा दिया गया । वीणा को बजाने से चाक हिलने लगा और बोर्ड पर कुछ रेखायें विच गई उसने अनुभव किया कि जिस तरह का साज बजाया जाता है, उसी तरह की आकृतियाँ बोर्ड पर बन जाती हैं।
इससे वह इस निर्णय पर पहुँची कि ध्वनि का भावों से गहरा सम्बन्ध होता है। और उन पर शब्दों का प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि जय और पाठ से मानसिक और आत्मिक शक्तियों का विकास होता है।
चमत्कारी मंत्र साधना पीडीऍफ़ – मन्त्र साधना कैसे करें
मंत्र ध्वनि विज्ञान पर आधारित है। यह बात वैज्ञानिक परीक्षणों द्वारा बार-बार प्रमाणित हो गयी है। उच्चारण में जो ध्वनि आघात होता है, जिसके कारण उत्पन्न वायुकम्पन अपना यथेष्ठ प्रभाव दिखलाता है।
- मन्त्र का केवल जाप मात्र, करने से ही अभीष्ट लाभ नहीं मिलता है
- आवश्यकता यह है कि उनकी भावना अर्थ और उच्चारण कम को समझकर उनका विधिवत् उच्चारण किया जाये,
- तभी उनसे अभीष्ट फल प्राप्त होता है।
- ग्यारह, इक्कीस, इक्यावन, एक सौ आठ, पुन्द्रह सौ हजार जाप करने से भी कुछ नहीं होगा
- जब तक कि उनको ठीक तरह से समझ न लिया जाये।
- मूल मंत्र वास्तविक स्वरूप मंत्रों का क्या है मंत्रों का आकार, प्रकार संयोजित एवं नियोजित होने वाले तत्व क्या हैं।
- मंत्र क्या स्थूल रूप है, समीर है अथवा निराकार भावना स्वरूप इत्यादि
- मंत्र से सम्बन्धित समस्त जिज्ञासाओं का एक- मात्र उत्तर यह है कि मंत्र का रूप न तो स्थूल है
- और न इनका भौतिक तत्वों द्वारा निर्मित कोई शरीर है।
- मंत्रों की स्थिति संयोजन यदि शरीर धारियों की ही तरह होता तो
- इनमें क्षण- भंगुरता सीमितता नाशवान जुड़ जाती तथा गुण दोष सम्बन्धी
- स्थितियाँ भीइस दशा में एक निश्चित अवधि के बाद मनुष्य के समान इनका अवसान हो जाता।
- लेकिन ऐसा न होने के कारण ही इनकी स्थिति अमर है और काल के परे भी इनको गति है।