पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन PDF Bharat Pakistan Ka Vibhajan Bharat Pakistan Vibhajan PDF BOOK IN HINDI FREE DOWNLOAD पाकिस्तान या भारत का विभाजन पेज 372
आज का पाकिस्तान कभी भारत का हिस्सा था लेकिन इसका विभाजन हुआ और भारत से अलग देश बना पाकिस्तान और इस विषय पर आधारित किताब पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन PDF (Bharat Pakistan Vibhajan) डाउनलोड करें जिसका डाउनलोड लिंक सबसे आखिर में दिया गया है
पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन
किताब पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन PDF (Bharat Pakistan Vibhajan) से कुछ अंश शेयर कर रहे है पढ़े हिंदी में लिखा हुआ – नये वाइसराय की नियुक्ति
मैं सवेरे ही चेस्टर स्ट्रीट में माउंटबेटन के घर पहुचा। नावते का समय था । माउंटबेटन ने मुझे आदेश दिया कि मैं जाऊ और पश्चिमी-पूर्वी एशिया की कमान- सबधी आदेशों के बारे मे उनसे मिलू । प्रधान सेनापति को हैसियत से उन्होने जो भ्रमण किया था, उस सारे भ्रमण में मैं उनको युद्ध की डायरी लिखता और रखता था
इस नाते उन आदेशो मे पदेन सदस्य के तौर पर मेरी रुचि थी। इस काम मे कुछ भारी कठिनाइया भी थी और सबसे बड़ी कठिनाई उनके व्यस्त कार्य- क्रम के साथ इस काम का मेल बिठाना था । हम लोगो का काम पूरा नही हुआ था और समय की कमी थी, इसलिए अगले कार्यक्रम के लिए उनके साथ जाने के सिवा और कोई चारा न रहा। अगला कार्यक्रम था अपना सरकारी चित्र बनवाने के लिए आस्वाल्ड बलें चित्रकार के यहा जाना ।
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भारत विभाजन की कहानी – पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन
- उन्हें प्रथम क्रूजर स्ववेड़न की कमान के लिए रियर एडमिरल बनना था।
- इसके अलावा, भारतीय नेताओ, लार्ड वेवल और ब्रिटिश सरकार के बीच अभी-अभी लदन मे जो बातचीत हुई थी
- उसमे सहज आशा की कोई झलक न होते हुए भी, लगता था कि
- मंत्रिमंडल मिशन योजना अभी जीवित है।
- लेकिन अब जो मेने सुना, उससे जान पड़ा कि प्रधानमंत्री भारत और
- माउंटबेटन दोनो के भविष्य के बारे मे कुछ और ही सोच रहे है।
भारत विभाजन की कहानी – पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन
भारत विभाजन की कहानी – पाकिस्तान अथवा भारत का विभाजन –
- एटली ने इसके बाद भारतीय सकट की बात छेड दी ।
- उन्होने कहा कि वेबल तो सेनाए हटाने की योजना से अधिक कुछ भी नही कर पाए।
- इसपर सरकार उन राजनैतिक विचारधाराओं से बहुत ही ज्यादा असतुष्ट है
- जो काग्रेस और मुस्लिम लोग दोनो पर असर कर रही है।
- अगर हम सावधान न रहे तो हम भारत को न केवल घरेलू युद्ध मे ही,
- बल्कि तानाशाही राजनैतिक दलो के हाथों मे सौपने को लाचार हो जायगे ।
- प्रस्तुत गतिरोध का अंत करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है,
- और मंत्रिमंडल के प्रमुख सदस्य इस निष्कर्ष पर पहुचे है कि
- नये सिरे से व्यक्तिगत संपर्क से ही सभवत आशाजनक परिणाम निकल सकता है।
- इस काम को पूरा करने के लिए एक उपयुक्त आदमी की तलाश में
- उन्होंने चारो ओर नजर दौडाई और सर्वसम्मति से इस नतीजे पर पहुचे कि ऐसा व्यक्तित्व
- और आवश्यक योग्यता केवल माउटवेटन मे ही थी ।