अजाब ए कब्र किताब पीडीऍफ़ डाउनलोड Azab e Qabar PDF NEW : एक न एक दिन मौत का मजा हर जानदार को चखना ही है ऐसे में एक पुस्तक/किताब अजाब ए कब्र पीडीऍफ़ डाउनलोड लिंक शेयर कर रहे है जिसका डाउनलोड लिंक आखिर में दिया गया है
याद रख हर आन आख़िर मौत है
बन तू मत अन्जान आखिर मौत है
मरते जाते हैं हज़ारों आदमी
आक़िलो नादान आख़िर मौत है
क्या खुशी हो दिल को चन्दे ज़ीस्त से
ग़मज़दा है जान आखिर मौत है
मुल्के फ़ानी में फ़ना हर शै को है
सुन लगा कर कान आख़िर मौत है।
बारहा इल्मी तुझे समझा चुके
मान या मत मान आख़िर मौत है
अजाब ए कब्र
इस्लाम के अनुसार कब्र में तीन सवाल हर मरहूम से किया जाएगा सबसे पहले आइये जाने कब्र में तीन सवाल क्या होते हैं?
- कब्र में हर मरहूम से 3 सवाल निम्न किये जायेंगे
- मन रबबुका ? ( तुम्हारा रब कौन है?)
- मा दीनुका ? ( तुम्हारा दीन क्या है ?)
- मा कुन्त तकूलु फ़ी हाज़र रजुल (तुम इस शख्स के बारे में क्या कहते हो?
हज़रते सय्यदुना अबुल हज्जाज समाली से रिवायत है, सरकारे मदीना, सुल्ताने बा करीना, करारे कुल्बो सीना, फैज़ गन्जीना jaws का फ़रमाने इब्रत निशान है :
जब मय्यित को क़ब्र में उतार दिया जाता है तो कब्र उस से ख़िताब करती है : ऐ आदमी तेरा नास हो ! तूने किस लिये मुझे फ़रामोश (या’नी भुला) कर रखा था ?
क्या तुझे इतना भी पता न था कि मैं फ़ितनों का घर हूं, तारीकी का घर हूं, फिर तू किस बात पर मुझ पर अकड़ा अकड़ा फिरता था ?
अगर वोह मुर्दा नेक बन्दे का हो तो एक ग़ैबी आवाज़ क़ब्र से कहती है : ऐ क़ब्र ! अगर येह उन में से हो जो नेकी का हुक्म करते रहे और बुराई से मन्अ करते रहे तो फिर ! (तेरा सुलूक क्या होगा ?)
क़ब्र कहती है : अगर यह बात हो तो मैं इस के लिये गुलज़ार बन जाती हूं। चुनान्चे फिर उस शख़्स का बदन नूर में तब्दील हो जाता है और उस की रूह रब्बुल आलमीन की बारगाह की तरफ़ परवाज़ कर जाती है।
مُسْنَدُ أَبِي يَعْلى ج٦ ص ٦٧ حديث ٦٨٣٥