सोलह सोमवार व्रत कथा विधि PDF 16 Somvar Vrat Katha Book PDF Download 16 सोमवार व्रत कथा इन हिंदी PDF Download 16 सोमवार व्रत कथा इन हिंदी lyrics
ॐ नमः शिवाय
अथ सोलहसोमवारव्रत कथा अर्थात्शि – व मनसाव्रत-कथा प्रारम्भ, – मङ्गलाचरण
नमोङ्कार स्वरूपाय वेदरूपाय ते नमः ॥
अलिङ्गलिंगरूपाय विश्वरूपाय ते नमः ॥ १ ॥
सपार्वतीकं विश्वेशं सलक्ष्मीकं च केशवम् ॥
प्रणतोऽस्मि सदाकुर्यात्तदङ्घ्रियुगुलं शिवम् ॥२॥
श्रीगणेशाय नमः श्रीसाम्बशिवाय नमः ।
सोलह सोमवार व्रत कथा
सोलह सोमवार व्रत कथा विधि PDF 16 Somvar Vrat Katha Book PDF: पुस्तक को डाउनलोड करने से पहले कुछ अंश लिखा हुआ पढ़े
एक समय महामुनि श्रीसूतजी महाराज शौनका- दिक मुनियोंसे कहने लगे कि, विदर्भ देशमें एक अत्यन्त सुन्दर अमरावती नामकी नगरी है। वहां देवाधिदेव भगवान् श्रीमहादेवजीका विशाल मन्दिर बड़ाही रमणीक बना है, जिसकी महिमाका वर्णन प्रायः तीनों लोकोंमें प्रसिद्ध है ।
वहांपर एक समय आशुतोष भगवान् श्रीशिवजी पार्वतीजीके सहित कैला- ससे घूमते २ एकाएक आनिकले उस पवित्र मनोहर- स्थानको देखकर पार्वतीजीने शिवजीसे कहा कि हे नाथ ! यहां चौपड़ पांसा मांडकर खेल खेलना चाहिये। यह सुन शिवजीने उसी समय अपने दूतोंसे चौपड़ पांशे मंगवाकर खेल आरम्भ किया, खेल खेलते २ देवी पार्वतीजी चौपड़की बाजी जीत गई यह देखकर महादेवजी कहने लगे कि यह बाजी तो मैं जीता हूं।
इसके बाद फिर दुबारा खेल खेलना प्रारम्भ किया तो फिरभी पार्वतीजी जीत गई, तब पार्वतीने उम शिवालयका जो गुरवनामका पुजारी निकट था उससे पूछा कि अबकी बार यह बाजी किसने जीती हैं, सत्य २ कहो, मौन क्यों बैठे हो । आगे पुस्तक डाउनलोड करें एंव पढ़े
शिवकीर्त्तन-धुन – सोमवार व्रत कथा इन हिंदी Lyrics
शिवकीर्त्तन-धुन – सोमवार व्रत कथा इन हिंदी Lyrics : हरेनाम हरेनाम हरेर्नामैवकेवलम् | कलौ नास्त्येव नास्त्येव नास्त्येव गतिरन्यथा ॥ (नारदपुराण)
- हर हर हर महादेव शम्भो । काशी मिश्वनाथ गंगा ॥ १ ॥
- शिवहर शंकर गौरीशम् ।
- वन्दे गंगाधरमीशम् ॥२॥
- भोले शम्भु भोलेनाथ दया करो अब दीनानाथ ॥ ३ ॥
- हर हर हर महादेवा । पार्वतीवल्लभ सदाशिवा ॥ ४ ॥
- भोलेनाथ भोलेनाथ बोल प्यारे ।
- गंगा तरङ्ग डमरू वारे ॥ ५ ॥
- शम्भो ओंकारे अविनाशी ।
- गंगाधर कैलासी ॥ ६ ॥
- जयति शिवा शिव जानकिराम ।
- गौरीशंकर सीताराम ॥ ७ ॥
- हर हर शंकर दुखहर सुखकर।
- अघतमहर हर हर शंकर ॥ ८ ॥
- साम्ब सदाशिव साम्ब सदाशिव ।
- साम्ब सदाशिव जयशंकर ॥ ९ ॥
- ओशिव शिव शिव शिव ओम् ।
- ओंओं ओं ओं जय शिव ओम् ॥ १० ॥
- ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ।
- ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॥११॥