नरक से बचने के उपाय धम्मपद की कथा पीडीऍफ़ Dhammapada PDF FREE

नरक से बचने के उपाय धम्मपद की कथा पीडीऍफ़ Dhammapada PDF in Hindi PDF Download dhammapada book in hindi pdf download FREE VOLUME 1 2 3 4

- Advertisement -

धम्मपद का क्या अर्थ है:

Dhammapada: धम्मपद शब्द पाली भाषा से लिया गया है, जो गौतम बुद्ध के शिष्य मुनिश्री महाकाश्यप द्वारा प्रथम बार प्रयुक्त हुआ। “धम्म” शब्द पाली और संस्कृत दोनों में होने वाला है, और इसका अर्थ “धर्म” होता है, जो जीवन के नियम, नैतिकता, और आचार-व्यवहार को संबोधित करता है। “पद” शब्द का अर्थ होता है “पदार्थ” या “वचन”। इस प्रकार, धम्मपद का शाब्दिक अर्थ होता है “धर्म के वचन” या “धर्म के उपदेश”।

धम्मपद एक पाली बौद्ध कविता है जो गौतम बुद्ध द्वारा कही गई बातचीतों और धार्मिक उपदेशों का संकलन है। यह कविता धर्म के मूल सिद्धांतों, नैतिक मार्गदर्शन, और जीवन के उद्धार के लिए उपयोगी सिद्धांतों को संकलित करती है। इसमें बुद्ध के उपदेशों को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है ताकि लोग उन्हें आसानी से समझ सकें और अपने जीवन में अमल कर सकें। धम्मपद में विभिन्न विषयों पर विचारों का विवरण दिया गया है

नरक से बचने के उपाय धम्मपद की कथा

एक समय की बात है, गौतम बुद्ध के शिष्य एक ब्राह्मण युवक था जिसका नाम विशाखा था। विशाखा धर्म की खोज में बहुत उत्सुक था और वह नित्य धर्मसभा में भाग लेता था। उसकी नीति, नीतिमति और ध्यान बहुत गहरा था।

एक दिन, विशाखा ने बुद्ध से पूछा, “भगवन, मैं नरक से बचने के उपाय जानना चाहता हूँ। कृपया मुझे इसके बारे में बताएं।”

बुद्ध ने विशाखा को एक कथा सुनाई, “एक बार एक राजा ने अपने पुरोहित से पूछा, ‘कौन सा कार्य नरक में चला जाता है?’ पुरोहित ने कहा, ‘राजा, जो व्यक्ति अनैतिकता, अहिंसा और शौच को छोड़ देता है, वह नरक की ओर जाता है।’

राजा ने यह सुनकर चिंतित होकर कहा, ‘तो कैसे मैं और मेरे लोग नरक से बच सकते हैं?’ पुरोहित ने आगे कहा, ‘राजा, जो व्यक्ति धार्मिकता, दया और सत्य को अपनाता है, वह नरक से बच जाता है।’

राजा ने धर्म, दया और सत्य को अपनाने का संकल्प लिया और अपने देश के लोगों को भी इन गुणों की प्रोत्साहना दी। उनके नेतृत्व में राज्य में धार्मिकता, दया और सत्य का विस्तार हुआ। इस प्रकार, वे सभी नरक से बच गए और सुखी जीवन जीने लगे।”

इस कथा से समझना चाहिए कि नरक से बचने के उपाय धार्मिकता, दया और सत्य को अपनाने में हैं। धर्मपद में भी ऐसे कई उपदेश हैं जो हमें नरक से बचाने के लिए मार्गदर्शन करते हैं। इसलिए, हमें अपने जीवन में यह महत्वपूर्ण गुणों को विकसित करना चाहिए। ध्यान, धार्मिक आचरण, दया और सत्य के प्रति समर्पण हमें नरक से बचाएंगे और हमें आत्मिक शांति और सुख देंगे।

धम्मपद के 5 विचार

धम्मपद में कई महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए गए हैं, लेकिन मैं यहां पाँच महत्वपूर्ण विचारों का उल्लेख करूंगा:

  1. “मनोपुब्बंगमा धम्मा, मनोसेट्ठा मनोमया
  • यह विचार बताता है कि मन ही सबसे पहले और मुख्य उत्पादक है।
  • सोचों का प्रभाव हमारे वर्तमान और भविष्य को निर्मित करता है।
  • यदि हमारे मन की स्थिति और सोच सकारात्मक हों, तो हम धर्मपूर्ण और उच्चतम जीवन को प्राप्त कर सकते हैं।
  1. “चित्तेन वा दण्डेन वा, ना संसारं विनिभज्यते”
  • यह विचार सुझाव देता है कि मन को नियंत्रित करना आवश्यक है।
  • अगर हम अपने मन को संयमित रख सकते हैं और
  • इंद्रियों को नियंत्रित कर सकते हैं, तो हम संसार से मुक्त हो सकते हैं।
  1. “अत्तदीपा भव एत्था, अत्तसरणा दीपया” –
  • इस विचार में बताया गया है कि हमें अपने आप की रक्षा करनी चाहिए
  • और स्वयं को प्रकाशित करना चाहिए। हमें अपने आप में आत्मविश्वास
  • और स्वाधीनता का विकास करना चाहिए, जिससे हम अपने जी वन को संचालित कर सकें।
  1. “बहुपुण्यभुजगेन भोगे, किमन्यदस्ति चेतसा” –
  • इस विचार में कहा गया है कि सुख और आनंद बहुतेरे होते हैं,
  • लेकिन इनका प्राप्त करने के लिए अनन्य चित्त की आवश्यकता होती है।
  • यह विचार हमें बताता है कि आनंद का स्रोत बाहरी वस्त्रों और वस्तुओं में नहीं है, बल्कि हमारे अंतरंग आवास में है।
  1. “उपादयेन महं दीपं, एत्थं गत्वा निवेसये” –
  • इस विचार में हमें बताया जाता है कि हमें खुद को शिक्षा और
  • धर्म के प्रकाश में स्थापित करना चाहिए। हमें सत्य की प्राप्ति के लिए अपने
  • अन्तरंग ज्योति को प्रज्वलित करना चाहिए और उच्चतम धार्मिक सत्य के
  • निरंतर आधार पर अपने जीवन को निर्माण करना चाहिए।

ये विचार धम्मपद में प्रस्तुत किए गए हैं और इनका अनुसरण करके हम धार्मिक जीवन और सुखी जीवन की प्राप्ति कर सकते हैं।

नरक से बचने के उपाय धम्मपद की कथा पीडीऍफ़ Dhammapada

PDF NAMEDhammapada
LANGAUGEHINDI
PDF SIZENA
PAGENA
DOWNLOADYES LINK ✅
CATEGORYBUDDHIST PDF
OTHERधम्म दान
नरक से बचने के उपाय धम्मपद की कथा पीडीऍफ़ Dhammapada PDF in Hindi

✅ Hindi version – illustrated Dhammapada Volume 1 PDF

➡️ Hindi version – illustrated Dhammapada Volume 2 PDF

✅ Hindi version – illustrated Dhammapada Volume 3 PDF

➡️ Hindi version – illustrated Dhammapada Volume 4 PDF

This book was brought from archive.org as under a Creative Commons license, or the author or publishing house agrees to publish the book. If you object to the publication of the book, please contact us.for remove book link or other reason. No book is uploaded on This website server. Only We given external Link

Related PDF

LATEST PDF