महात्मा बुद्ध की कहानिया पीडीऍफ़ इन हिंदी Mahatma Buddha Ki Kahaniyan PDF गौतम बुद्ध की कहानियाँ pdf download गौतम बुद्ध की शिक्षाप्रद कहानी pdf IN download Mahatma Buddha PDF Book in Hindi
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महात्मा बुद्ध की कहानिया
विषय सूचि महात्मा बुद्ध की कहानिया के कुछ अंश निम्न है – अधिक जानकारी के लिए पीडीऍफ़ डाउनलोड करें
- अनुक्रम
- भूमिका
- परमार्थ समर्पित ि की ओर से
- बुद्ध का उपदेश
- बुद्ध ने समझाया
- अहिंसा परमो धर्मः
- उद की प्रेरणा
- बुद्ध का उत्तर
- बुद्ध और राजकुमार
- उपदेश से कर्म श्रेष्ठ
- बुद्ध और अंगुलिमाल
- दरकर आशीर्वाद
- बुद्ध की मूर्ति
- बुद्ध की सहनशीलता
महात्मा बुद्ध की कहानिया पीडीऍफ़ इन हिंदी
किताब महात्मा बुद्ध की कहानिया से कुछ अंश निम्नवत है – पढ़े हिंदी में लिखा हुआ – बुद्ध का ज्ञान
राजा के यहाँ बुद्ध का जन्म हुआ। पिता ने ज्योतिषियों को बुलाकर भविष्य पूछा। उन्होंने कहा, “या तो सम्राट् होगा और या तो यह साधु होगा।” एक तरह से देखा जाए तो सच्चा सम्राट् भीतर से साधु ही होता है। ज ज्योतिषियों की भविष्यवाणी राजा ने सुनी तो वे घबरा गए कि मेरा बेटा साधु हो जाए, ऐसा ठीक नहीं होगा। राजा ने “कोई उपाय बताएं
क्योंकि मैं चाहता हूँ कि राजा का पुत्र राजा ही बने।” ज्योतिषियों ने कहा कि इसका लालन-पालन व पूरा जीवन बड़ी सावधानी में बिताना होगा अर्थात् आपका पुत्र सिद्धार्थ कभी किसी बड़े व्यक्ति को न देखे, कभी किसी बीमार व्यक्ति को न देखे और कभी किसी मरे हुए व्यक्ति को न देखे। जब तक ऐसा होगा तब तक वे राजा ही बने रहेंगे, अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे साधु बन जाएँगे।
राजा शुद्धोधन ने अपने पुत्र सिद्धार्थ के लिए बढ़िया से बढ़िया, बड़े-बड़े महल, अच्छे-से-अच्छा भोजन दास दासियाँ और खाने-पीने के सामान आदि वस्तुओं के ढेर लगा दिए। पिता ने पुत्र को सुख-सुविधाओं में इतना उलझा दिया कि उसे बाहर का संसार याद ही नहीं आया। शुद्धोधन ने समझ लिया कि अब इतने सुखों के आगे साधु बनने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वे निश्चिंत हो गए।
Mahatma Buddha Ki Kahaniyan PDF DOWNLOAD
- राजा शुद्धोधन ने बिल्कुल पक्की व्यवस्था कर रखी थी कि
- उनका पुत्र सिद्धार्थ जीवन में कभी भी वृष, बीमार और मृतक व्यक्ति को देख न सके
- क्योंकि वे अपने पुत्र को खोना नहीं चाहते थे सिद्धार्थ का जीवन ऐश्वर्य और सुख-सुविधाओं में बीत रहा था।
- उनके जवान होने पर एक सुंदर कन्या यशोधरा से उनका विवाह हो गया।
- विह हो जाने पर सुयोधन की आधी चिंता मिट गई, अब तो शादी हो गई,
- अब कहाँ जाएगा? अब तो मेरा पुत्र बंधन में बंध गया है। अब उसके कहीं जाने का सवाल ही नहीं उठता।