Dawate Islami Ki Jhalkiyan – Dawate Islami Book PDF DOWNLOAD dawateislami book islam ki bunyadi batain ISLAMIC BOOK IN HINDI PDF FREE
दावते इस्लामी की झलकियां – अल्लाह के महबूब, दानाए गुयूब, मुनज्जहुन अनिल ट्यूब फरमाते हैं, “जो मुझ पर एक बार दुरूद भेजे अल्लाह तआला उस पर दस बार रहमत नाज़िल फरमाएगा।”
صلوا على الحبيب ! صلى الله تعالى منى محمد
ताजदारे रिसालत, शहन्शाहे नुबुव्वत, मुस्तफा जाने रहमत, शम् बज्मे हिदायत, नोशए वज्ये जन्नत
का फ़रमाने जन्नत निशान है : जिस ने मेरी सुन्नत से महब्बत की उस ने मुझ से महब्बत की और जिस ने मुझ से महब्बत की वोह जन्नत में मेरे साथ होगा ।
( تاريخ دمشق مج۹ ص ٣٤٣ دار الفکر بيروت )
हुजूरे अदसने फ़रमाया :
من تعمَّكَ بِسُنَّتِي عِندَ فَسَادٍ أُمَّتِي فَلَا أَجْرُمِانَةِ شَهِيد ” الكرة المصابيح ، (ص حديث (۱۳)
(यानी) जिस ने मेरी उम्मत के बिगड़ते वक़्त मेरी सुन्नत को मजबूत थामा तो उसे 100 शहीदों का सवाब है। मुफ़स्सिरे शहीर हकीमुल उम्मत हजुरते मुफ्ती अहमद यार खान इस हदीस के तहूत फ़रमाते हैं: शहीद तो एक बार तलवार का ज़ख़्म खा कर पार हो जाता है मगर येह अल्लाह का बन्दा उम्र भर लोगों के ता’ने और जवानों के घाव खाता रहता है। अल्लाह और रसूल Lads की खातिर सब कुछ वरदाश्त करता है। और इस का जिहाद जिहादे अक्बर है जैसे इस जुमाने में दाढ़ी रखना, सूद बचना वगैरा
(मिरआत. जि. 1. स. 173)
Dawate Islami Ki Jhalkiyan – Dawate Islami Book
क्रिस्चेन का क़बूले इस्लाम – Dawate Islami Ki Jhalkiyan – Dawate Islami Book –
बाबुल मदीना (कराची) सि. 2007 ई. में राहे खुदा 34 में सफर करने वाले नावीना इस्लामी भाइयों का एक म-दनी क़ाफ़िला मत्लूवा मस्जिद तक पहुंचने के लिये बस में सवार हुवा। उस मदनी काफिले में चन्द उमूमी (यानी अंखियारे) इस्लामी भाई भी शामिल थे।
- अमीरे काफिला ने बराबर बैठे शख्स पर इन्फ़िरादी कोशिश करते हुए
- उस का नाम वगैरा मालूम किया तो वोह कहने लगा :
- “मैं क्रिस्बेन हूं, मैं ने मज़हबे इस्लाम का मुतालआ किया है और इस मजहब से मु-तअस्सिर भी हूं
- मगर की जुमाना मुसल्मानों का बिगड़ा हुवा किरदार मेरे
- लिये कुबूले इस्लाम की राह में रुकावट है, मगर मैं देख रहा हूं कि
- आप लोग एक जैसे (सफेद) लिबास में मल्बूस हैं, बस में चढ़े और
- बुलन्द आवाज़ से सलाम किया और हैरत तो इस बात की है कि
- आप के साथ नाबीना अश्ख़ास ने भी सर पर सब्ज़ इमामा और
- सफ़ेद लिबास को अपना रखा है, इन सब के चेहरों पर दाढ़ी भी है।”
उस की गुफ्तगू सुनने के बाद अमीरे क़ाफ़िला ने उसे मुख़्तसर तौर पर “मजलिसे खुसूसी इस्लामी भाई” के बारे में बताया। फिर शैखे तीकृत अमीरे अहले सुन्नत की दीने इस्लाम के लिये की जाने वाली अज़ीम खिदमात का किरा किया और दावते इस्लामी के मदनी माहोल का तआरुफ़ भी करवाया। फिर उस से कहा कि “येह नाबीना इस्लामी भाई उन्ही दुन्यादार मुसल्मानों (जिन्हें देख कर आप इस्लाम क़बूल करने से कतरा रहे हैं) की इस्लाह के लिये निकले हैं।” येह बात सुन कर वोह इतना मु-तअस्सिर हुवा कि कलिमा पढ़ कर मुसल्मान हो गया।