आका का महीना पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड Aaqa Ka Mahina PDF iN Hindi aaqa ka mahina book dawateislami Islamic Book PDF In Hindi internet Archive
Aaqa Ka Mahina – आका का महीना
रसूले अकरम, नूरे मुजस्सम का शा ‘बानुल मुअज्जम के बारे में फ़रमाने मुकर्रम है: ce यानी शाबान मेरा महीना है और र-मजान अल्लाह का महीना है।
शा ‘बान के पांच हुरूफ़ की बहारें माहे शाबानुल मुअज्जम की अ-जु-मतों पर कुरबान! इस की फ़ज़ीलत के लिये इतना ही काफ़ी है कि हमारे मीठे मीठे आका मक्की म-दनी मुस्तफा Jude ने इसे “मेरा महीना” फ़रमाया । सरकारे गौसे आज़म शेख अब्दुल कादिर जीलानी हम्बली लफ्ज़ “शा ‘बान” के पांच हुरूफ़ के मु-तअल्लिक नक्ल फ़रमाते हैं:
- आका का महीना पीडीऍफ़ – से मुराद “शरफ़” या’नी बुजुर्गी, से मुराद “उलुव्व”
- या’नी बुलन्दी, से मुराद “बिर” यानी एहसान, “” से मुराद “उल्फ़त” और
- से मुराद “नूर” है तो येह तमाम चीजें अल्लाह तआला अपने बन्दों को इस महीने में अता फ़रमाता है
- येह वोह महीना है जिस में नेकियों के दरवाज़े खोल दिये जाते हैं,
- ब-र-कतों का नुजूल होता है, खताएं मिटा दी जाती हैं
और गुनाहों का कैफ़्फ़ारा अदा किया जाता है, और खैरुल बरिय्यह, सय्यिदुल वरा जनाबे मुहम्मद मुस्तफा पर दुरूदे पाक की कसरत की जाती है और येह नविय्ये मुख्तार पर दुरूद भेजने का महीना है।
आका का महीना पीडीऍफ़
- Aaqa Ka Mahina PDF – शाबान एक महीना है
- जो इस्लामी कैलेंडर के अनुसार आता है।
- यह आठवें इस्लामी माह का महीना होता है,
- जो रमजान के पहले महीने से पहले आता है।
- शाबान को अवधि के रूप में महत्वपूर्ण माना जाता है,
- जब मुसलमान अपनी धार्मिक अभियां और इबादत को मार्गदर्शन करने के लिए तैयार होते हैं।
- शाबान का महीना खासकर उम्राह यात्रा (मक्का मदीना की यात्रा) के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
- कुछ लोग इस महीने में उम्राह करने के लिए चले जाते हैं।
- उमराह यात्रा में प्रतिभागी इस्लामिक स्थलों को दर्शन करते हैं और इबादती अभियां आयोजित करते हैं।
- इसके अलावा, कुछ लोग शाबान के महीने में नफ्ल नमाज़ (विशेष नमाज़) का आयोजन करते हैं
- और अधिक धार्मिक अभियान को ध्यान में रखते हैं।
यह महीना मुसलमान समुदाय में सामरिकता, ध्यान, और आत्मशुद्धि की भावना को प्रबल करने का एक महीना माना जाता है। बहुत से मुसलमान शाबान के महीने में विशेष दुआए
ँ, तस्बीह, रोज़ा और नमाज़ करते हैं ताकि वे अपने धार्मिक साधनाओं को पूर्ण करें और अगले रमजान की तैयारी करें।