उर्स और ग्यारहवी शरीफ PDF Free Download in Hindi उर्स और ग्यारहवी शरीफ gyarween shareef meaning pdf download gyarween shareef pdf free download
प्यारे प्यारे इस्लामिक भाइयों और बहनों उर्स और ग्यारहवी शरीफ इस्लाम धर्म में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है ऐसे में हम उर्स और ग्यारहवी शरीफ की किताब पीडीऍफ़ शेयर कर रहे है
इस उर्स और ग्यारहवी शरीफ पुस्तक किताब में जो कुछ लिखा है उसे आप खुद पढ़े और खुद फैसला करें इस पुस्ताक में जो कुछ लिखा है उसके बारें में हमारी अपनी कोई राय नहीं है हम केवल एक माद्यम है पुस्तक को इन्टरनेट पर शेयर करने के लिए इसलिए खुद पढ़े और खुद समझे साथ ही मानना या न मानना आपके ऊपर ही निर्भर है
उर्स और ग्यारहवी शरीफ
किताब उर्स और ग्यारहवी शरीफ से कुछ अंश यहाँ लिख रहे है –
मसला ग्यारहवीं
इस नाम की हमें एक पुस्तिका जो शरीफ पूरी लोोरी की लिखी हुई है। हमने उसे शुरू से आखिर तक देखा। पृष्ठ चार से ग्यारहवी का तुकूल शुरू होता है। लिखा है कि अल्लामा इमान शापदं रह०: अपनी किताब “कुरंनतिराएं के पृष्ठ ११ पर करमाते हैं कि
विश्रत गौस सकलैन रक्षि० फूट इराद शुद्ध कि असल नासदहन की कूद कि हज़रत गौस समदानी बनारीक्षा वाजद्दहम रबीउल आखिर कांतिहा वहलम् नवीं करोम सरल करदा दन्द आ निषाणु आ चुनां मजबूत व मतबूभ इफ्ताद कि दर हर माह बतारीख व्यनुपष्ठम-रसूत मककृत स० मुकर्रर फरमूद व दीगर इल्तिमा हज़रत गौस पाक बतकुलीयते याजवश्रम में करदन्द। आखिर रफ्ता रफ्ता यादहम हजुरत महबूच सुखानी मशहूर शुद अलवाल मरयम फातिहा हजरत शा डर यावदहम में कुनद व तारीख विसात हज़रत महबूब सुब्हानी उक्त दहम् रबीउस्मानी वूद।”
- अनुवादः
- हजरत महबूब सुब्हानी कुतुव रब्बानी अब्दुल कादिर,
- जीवनी २४० की ग्यारहवीं शरीफ का कि था
- इरशाद हुआ कि ग्यारहवीं शरीफ की असल वजह यह थी कि
- हज़रत गौस समयानी र४० हुनूर पुस्तूर पैगम्बरं खुदरा अहमद मुजतबा सल्ल० के
- चालीने का खत्म शरीफ ग्यारह माह रबीउल आखिर को किया करते थे।
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