तोहफा ए दुल्हन पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड Tohfa e Dulhan in Hindi PDF Free Download tohfa e dulhan book pdf free download تحفہ دولہا pdf FREE DOWNLOAD नबी-ए-करीम सल्ल० की बारगाह में – औरतों का शुक्रिये का हदिया
हम आप पर दुरूद व सलाम भेजते हैं या रसूलल्लाह ! ऐसे तब्के का दुरूद व सलाम जिस पर आपका बड़ा एहसान है। आपने हमको ख़ुदा की मदद से जाहिलीयत की बेड़ियों और बन्दिशों, जाहिली आदात और रिवायात, सोसाईटी के जुल्म और मदों की ज़ोर-ज़बरदस्ती और ज्यादती से निजात दिलवाई।
लड़कियों के ज़िन्दा दफन कर दिये जाने के रिवाज को खत्म किया। माओं की नाफरमानियों पर वईद सुनाई। आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया कि जन्नत माओं के क़दमों के नीचे है।
तोहफा ए दुल्हन
ISLAMIC BOOK IN HINDI – तोहफा ए दुल्हन पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड से पहले कुछ अंश किताब के पढ़े
- आपने विरासत में हमको शरीक किया और उसमें माँ,
- बहन, बेटी और बीवी की हैसियत से हमको हिस्सा दिलाया।
- अरफा के दिन के मशहूर तारीख़ी खुतबे में आपने हमें नहीं भुलाया और कहा कि
- “औरतों के बारे में अल्लाह से डरों
- इसलिये कि तुमने उनको अल्लाह के नाम के वास्ते से हासिल किया है”।
- इसके अलावा अनेक मौकों पर आपने मर्दों को औरतों के साथ अच्छे सुलूक,
- हुकूक के अदा करने और उनके साथ अच्छा बर्ताव करने की तब दी।
- अल्लाह तआला आपको हमारे तब्के की तरफ से वह बेहतर से बेहतर
- जज़ा (बदला) दे जो अम्बिया व मुर्सलीन अलैहिस्सलाम औ
- अल्लाह के नेक और सालेह बन्दों को दी जा सकती है।
तोहफा ए दुल्हन पीडीऍफ़
नेक बीवी – दुनिया की बेहतरीन दौलत नेक बीवी – तोहफा ए दुल्हन पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड Tohfa e Dulhan in Hindi
हुजूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर जब पहली बार वा (अल्लाह का पैगाम ) नाज़िल हुई तो आपके मुबारक दिल पर उस वक्त कुदरती बेचैनी थी। चूँकि पहली वहा का पहला तजुर्बा और फ़रिश्ते से पहली बार साबको था। उस वक्त आपको तस्कीन व तशफ्फी देने वाली, मुहब्बत भरे सुनहरे अल्फाज़ के साथ पेशानी मुबारक से डर व घबराहट का पसीना पौंछने वाली, रिसालत पर सबसे पहलेाईमान लाने वाली, आपको याद है कि वह कौनसी हस्ती थी?
पहले ईमान किसी दोस्त व अज़ीज़ की नहीं ज़िन्दगी की साथी, खुशी व गुम की शरीक, राहत व तकलीफ़ की साथी हज़रत खदीजा रज़ियल्लाहु अन्हा की हस्ती थी। इसी तरह जिस वक्त रसूले अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम दुनिया से तशरीफ लेजा रहे हैं। इस दुनिया में आपके जमाल का चिराग हमेशा के लिए गुल होने को है, उम्मत पर इससे बढ़कर क्रियामत ढाने वाली घड़ी, कियामत तक और कौनसी आ सकती है?
- सहाबा-ए-किराम रज़ियल्लाहु अन्हुम एक से एक बढ़कर एक
- शैदा- ए-रसूल सैकड़ों की तायदाद में मौजूद, लेकिन तारीख व
- सीरत की ज़बान से शहादत लीजिए कि ऐन उस वक्त जबकि
- रूह मुबारक (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) किसी के दीदार के लिए
- बेचैन इस ज़ाहिरी जिस्म से हमेशा के लिए जुदा हो रही थी,
- तो ऐन उस वक्त आपका मुबारक सर किसकी गोद में था?