रसूलूल्लाह की साहबजादिया पीडीऍफ़ Rasoole Akram Ki Sahabzadiya PDF By M Aashiq Bulandsheri Rasoole Akram Ki Sahabzadiya PDF IN HINDI Islamic Hindi Book PDF
हज़रत ज़ैनब रज़ियल्लाहु तआला अन्हा
यह आहज़रत की सबसे बड़ी साहबजादी हैं, बल्कि कुछ उलेमा ने इनको आंहजरत की सबसे पहली औलाद बताया है और लिखा है कि हज़रत क्रासिम की पैदाइश इनके बाद हुई। इब्दुल कलबी का यही क़ौल है और अली बिन अब्दुल अज़ीज़ अलजुरजानी रह० ने हजरत क्रासिम को बड़ा और हज़रत जैनब रज़ि० को छोटा बताया है, हां, यह सभी मानते हैं कि साहबज़ादियों में सबसे बड़ी हज़रत जैनब रज़ि० थीं ।
उनकी पैदाइश सन् 30 मीलाद नबवी में हुई, यानी जिस वक़्त वह पैदा हुईं, आंहज़रत की उम्र शरीफ़ 30 साल थी। (ज-क-रहू फ़िल इस्तीआब) सैयदे आलम 40 साल की उम्र में नबी बनाए गए। इस हिसाब से हज़रत जैनब रज़ियल्लाहु अन्हा की जिंदगी के शुरू के दस वर्ष नबी बनने से पहले गुज़रे और तेरह साल इसके बाद।
मुश्किों की ओर से सैयदे आलम को और आपके घर वालों को जो तक्लीफ़्रें पहुंचीं, उन सब में हज़रत जैनब रज़ियल्लाहु अन्हा और उनकी बहनें शरीक रहीं। सन् 07 नबवी में आंहज़रत और आपके साथियों को शेबे अबी तालिब में क़ैद कर दिया गया, वहां तीन वर्ष तक क़ैद रहे और फ़ाक़ों (उपवास) पर फ़ाक़ गुजरे। इन सब मुसीबतों में हज़रत खदीजा रज़ियल्लाहु अन्हा और आंहजरत की औलाद सभी शरीक रहे।
रसूलूल्लाह की साहबजादिया
निकाह – रसूलूल्लाह की साहबजादिया (Rasoole Akram Ki Sahabzadiya PDF)
- सैयदे आलम ने उनका निकाह हज़रत अबुल आस बिन रबीअ से कर दिया था।
- अबुल आस उनकी कुन्नियत (उपनाम) है।
- उनका नाम किसी ने लक़ीत और किसी ने जुबेर और किसी ने हुशैम बताया है।
- व की-ल-गैर जालिक । हज़रत अबुल आस हज़रत खदीजा
- रज़ियल्लाहु अन्हा की बहन हाला बिन्त खुवैलद के बेटे थे।
- इस तरह वह हज़रत जैनब रज़ियल्लाहु अन्हा के ख़लेरे भाई हुए।
- मक्का में उनकी पोजीशन मालदारी और तिजारत व अमानत में बड़ी ऊंची थी।
- नबी बनाए जाने से पहले भी सैयदे आलम को उनसे गहरा ताल्लुक़ था ।
- कुछ उलेमा ने यह भी कहा है कि उन्होंने सैयदे आलम से ‘मुवाख़ात’ (भाई-भाई बनाना) कर ली थी, यानी आपको अपना भाई बना लिया था।
(अल-इसाबा)