रमजान कैसे गुजारें पीडीऍफ़ Ramzan Kaise Guzare PDF Dawateislami mahe ramzan kaise guzare hindi pdf रमजान कैसे मनाए हिंदी पीडीऍफ़ फ्री डाउनलोड
रमज़ान किस तरह गुज़ारें –
الحمد الله نَحْمَدُهُ وَنَسْتَعِينُهُ وَنَسْتَغْفِرُهُ وَنُؤْمِنُ بِهِ وَنَتَوَكَّلْ عَلَيْهِ وَنَعُوذُ بِاللهِ مِنْ شُرُورِ أَنْفُسِنَا وَمِن سَيِّئَاتِ أَعْمَالِنَا مَنْ يَهْدِهِ اللَّهُ فَلَا مُضِلَّ لَهُ وَمَن يُضْلِلَهُ فَلا هَادِى لَهُ وَنَشْهَدُ أن لا إله إِلَّا اللهُ وَحْدَهُ لَا شَريكَ لَهُ وَنَشْهَدُ أَنَّ سَيَدَنَا وَ سَنَدَنَا وَمَوْلَانَا مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ صَلَّى اللهُ تَعَالَى عَلَيْهِ وَعَلَى اليه وأَصْحَابِهِ وَبَارَكَ وَسَلَّمَ تَسْلِيمًا كَثِيرًا
كثيراء أما بعد: قاعوذ بالله من الشَّيطن الرجيم بِسمِ اللهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ شهر رمضان الذى أنزلَ فِيهِ الْقُرْآنُ هُدًى لِلنَّاسِ وَبَيِّنَتٍ مِّنَ الْهُدَى وَالْفَرْقَانِ فَمَن شهدَ مِنكُمُ الشَّهَرَ فَلْيَصُنة” (سورة البقرة:١٨٥) امنت بالله صدق الله مولانا العظيم، وصدق رسوله النبي الكريم ونحن على ذالك من الشاهدين والشاكرين، والحمد لله رب العالمين.
रमज़ान, एक अज़ीम नेमत – रमजान कैसे गुजारें
बुजुर्गाने मुहतरम व प्यारे भाईयो! यह रमजान मुबारक का महीना अल्लाह जल्ल शानुहू की बड़ी अजीन नेमत है, हम और आप इस मुबारक महीने की हकीकत और इसकी कद कैसे जान सकते हैं, क्योंकि हम लोग दिन रात अपने दुनियावी कारोबार में उलझे हुए हैं और सुबह से शाम तक दुनिया ही की दौड़ धूप में लगे हुए हैं।
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- और माहियत के भंवर में फंसे हुए हैं।
- हम क्या जानें कि रमजान क्या चीज़ है?
- अल्लाह जल्ल शाहू जिनको अपने फज्ल से नवाजते हैं
- और इस मुबारक महीने में अल्लाह जल्ल शाहू की तरफ से अनवार व बरकतों का जो सैलाब आता है
- उसको पहचानते हैं. ऐसे हजरात को इस महीने की कद्र होती है।
आपने यह हदीस सुनी होगी कि जब नबी-ए-अकरम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम रजब का चांद देखते तो दुआ फरमाया करते थे:
اللهم بارك لَنَا فِي رَجَبَ وَشَعْبَانَ وَبَلَغْنَارَ مَضَان (مجمع الزو الدج)
ऐ अल्लाह, हमारे लिये रजब और शाबान के महीनों में बर्कत अता फरमा और हमें रमजान के महीने तक पहुंचा दीजिये। यानी हमारी उम्र तइनी लम्बी कर दीजिये कि हमें अपनी उम्र में रमजान का महीना नसीब हो जाये।
- अब आप अन्दाजा लगायें कि रमजान के आने से
- दो महीने पहले रमजान का इन्तिजार और इश्तियाक शुरू हो गया,
- और उसके हासिल हो जाने की दुआ कर रहे हैं कि
- अल्लाह तआला यह महीना नसीब फरमा दे,
- यह काम वही शख्स कर सकता है
- जिसको रमजान मुबारक की सही कद्र व कीमत मालूम हो।