पिता की सीख गीता प्रेस गोरखपुर PDF फ्री डाउनलोड

पिता की सीख गीता प्रेस गोरखपुर PDF फ्री डाउनलोड PITA KI SIKH PDF गीता प्रेस गोरखपुर की पुस्तकें PDF FREE DOWNLOAD पिता की सीख किताब फ्री डाउनलोड

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PITA KI SIKH PDF: गीता प्रेस की किताब पीडीऍफ़ में डाउनलोड करने से पहले पिता की सीख विषय सूची पढ़े

  1. सृष्टिका कारीगर
  2. हमारी स्वास्थ्य-रक्षक सेना
  3. सिगरेट-बीड़ी या तम्बाकूकी लत
  4. व्यायाम और खेल-कूद
  5. फोटोका दैवी कैमेरा
  6. पाचन और परिपुष्टि
  7. भोजन-व्यवस्था
  8. पानी
  9. स्वच्छ वायुसेवन
  10. शारीरिक, मानसिक

पिता की सीख गीता प्रेस गोरखपुर

पिताकी सीख – स्वास्थ्य और खान-पान – सृष्टिका कारीगर

  • पिता-बेटा केशव ! मेजपर वह जो गुलदस्ता रखा है, उसे देखते हो ?
  • केशव – जी हाँ, पिताजी !
  • पिता-उसे किसने बनाया ?
  • केशव -मालीने। उसीने बागसे फूलोंको चुन-चुनकर उसे तैयार किया है।
  • पिता – शाबाश, ठीक है।
  • अच्छा अब बताओ फूलोंको किसने बनाया ?
  • केशव – फूलोंको ? फूलोंको तो किसीने नहीं बनाया, पिताजी ! ये तो पेड़ोंपर खिले थे ।
  • पिता – हाँ, पेड़ोंपर ये अवश्य खिले थे, लेकिन वहाँ इन्हें खिलाया किसने ?
  • और फिर उन पेड़ोंको ही किसने पैदा किया ?
  • केशव – किसीने नहीं। पेड़ तो जमीनमें बीज बो देनेसे अपने-आप हो जाया करते हैं।
  • उस दिन मैंने जो आम खाया था, उसकी गुठली बो दी थी। बस, उसमेंसे अंकुर अपने आप – निकल आया।
  • अब वह पौधा बन गया है।
  • पिता – सबसे पहले बीज किसने बनाये ?
  • अच्छा बताओ क्या वह गुलदस्ता कभी अपने-आप बन सकता था ?

पिता की सीख गीता प्रेस गोरखपुर

पिता की सीख गीता प्रेस गोरखपुर PDF फ्री डाउनलोड : किताब डाउनलोड करने से पहले कुछ अंश पढ़े

केशव -नहीं।

पिता – तव ये फूल, पेड़ और उसके बीज भी अपने-आप कैसे हो सकते हैं ? इनका भी बनानेवाला कोई-न-कोई अवश्य होगा। केशव – कौन है वह बनानेवाला ?

पिता – वह बनानेवाला एक ऐसा कारीगर है, जिसकी कारीगरीको तो हम देखते हैं, परन्तु कारीगरको नहीं देख पाते। लेकिन फिर भी वह हमारे पास हर समय और हर जगह मौजूद रहता है।

केशव – उसका नाम क्या है ?

पिता – उसे हम भगवान्, ईश्वर या परमात्मा कहते हैं। केशव -क्या वही ईश्वर जिसका भजन ध्रुव और प्रह्लाद किया करते थे ?

पिता- हाँ, वही ईश्वर ! वह बड़ा भारी कारीगर है। उसने केवल पेड़ों और फूलोंको ही नहीं, उनके बीजोंको—यहाँतक कि दुनियाकी हर चीजको पैदा किया है। ये रंग-रंगके पक्षी और भाँति- भाँतिके पशु – सब उसीने बनाये हैं। रेंगनेवाले कीड़े और उड़नेवाले पतंगे भी उसीके बनाये हुए हैं। उसीने नदीकी मछलियोंको बनाया और समुद्रके जीवोंको पैदा किया। तुमको, हमको और सब मनुष्योंको भी उसीने बनाया। उसीने सूर्यको वनाया, चन्द्रमाको बनाया और आकाशके तारोंको पैदा किया। उसीने आग, हवा और पानी बनाये और उसीने पृथ्वी तथा आकाशको भी जन्म दिया। कहाँतक कहें—बस, थोड़ेमें इतना समझ लो कि सृष्टिमें जो कुछ तुम्हें दिखायी देता है और जो नहीं भी दिखायी देता, वह सब उसीका बनाया है। वही इस सृष्टिका एकमात्र कारीगर है।

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