जकात की किताब PDF DOWNLOAD ZAKAT KI KITAB: इस्लाम में जकात को बहुत ही अहमियत दी जाती है लेकिन यह जकात क्या है और कितना जकात देना चाहिए इत्यादि की जानकारी इस पुस्तक/किताब में दी गई है इस पुस्तक का नाम ज़कात की हक़ीक़त (Zakat Ki Haqeeqat)
जकात का मतलब हिंदी में
ज़कात का मतलब है पाकी और सफाई। अपने माल में से एक हिस्सा जरूरतमन्दों और ग़रीबों के लिए निकालने को जकात इसलिए कहा गया है कि इस तरह आदमी का माल और उस माल के साथ खुद आदमी का सुप्रस और मन भी पाक हो जाता है।
जो शख़्स ख़ुदा की दी हुई दौलत में से ख़ुदा के बन्दों का हक़ नहीं निकालता, उसका माल नापाक है और माल के साथ उसका नफ़्स भी नापाक है, क्योंकि उसके नफ़्स में एहसान फरामोशी भरी हुई है। उसका दिल इतना तंग है, इतना खुदगरज – है, इतना ज़रपरस्त (माल का पुजारी) है कि जिस ख़ुदा ने उसको उसकी असली ज़रूरतों से ज्यादा दौलत देकर उसपर एहसान किया, उसके एहसान का हक़ अदा करते हुए भी उसका दिल दुखता है।
ऐसे शख़्स से क्या उम्मीद की जा सकती है कि वह दुनिया में कोई नेकी भी ख़ुदा के वास्ते कर सकेगा, कोई क़ुरबानी भी सिर्फ अपने दीन व ईमान के लिए बरदाश्त कर सकेगा? इसलिए ऐसे आदमी का दिल भी नापाक और उसका वह माल भी नापाक, जिसे वह इस तरह जमा करे।
ज़कात की हक़ीक़त PDF
इस किताब/पुस्तक का नाम ही ज़कात की हक़ीक़त है ऐसे में इस पुस्तक में सभी जानकारी जकात के बारें में मिलेगी इस पुस्तक के कुछ भाग यहाँ कॉपी किया जा जा रहा है –
- मुसलमान भाइयो! पिछले खुतबे में मैं बयान कर चुका हूँ कि
- नमाज़ के बाद इस्लाम का सबसे बड़ा रुक्न जकात है।
- और यह इतनी बड़ी चीज़ है कि जिस तरह नमाज़ से इनकार करने वाले को काफ़िर ठहराया गया है
- उसी तरह ज़कात से इनकार करनेवालों को भी न सिर्फ़ काफ़िर ठहराया गया
- बल्कि सहाबा किराम (रजि०) ने एक राय होकर उनके ख़िलाफ़ जिहाद किया।
- अब मैं आज के ख़ुतबे में आपके सामने ज़कात की हक़ीक़त बयान करूंगा, ताकि
- आपको मालूम हो कि यह ज़कात दरअसल है क्या चीज़ और इस्लाम में इसको क्यों इतनी अहमियत दी गई है ?
- आगे पुस्तक में पढ़े