मुस्लिम ख्वातीन के लिए 20 सबक PDF FREE DOWNLOAD MUSLIM
Khawateen Ke Liye 20 SABAK PDF FREE DOWNLOAD Aurto Ke Liye Bees Sabak PDF FREE
मुस्लिम ख्वातीन के लिए 20 सबक PDF FREE DOWNLOAD MUSLIM Khawateen Ke Liye 20 SABAK PDF FREE DOWNLOAD Aurto Ke Liye Bees Sabak PDF FREE
بسم الله الرحمن الرحيم نحمده وتضلي عَلَى رَسُولِهِ الكريم
अम्मा बाद इस्लाम सारे इंसानों के लिए ख़ुदावन्दे आलम का भेजा हुआ और पसन्द किया हुआ दीन है जिसमें तमाम मद और औरतों के लिए ऐसे मुकम्मल अहकाम व आमाल मौजूद हैं, जिन पर अमल करना दुनिया व आखिरत की कामियाबी का अकेला ज़रिया है और चूंकि अमल बग़ैर इल्म के नहीं हो सकता, इसलिए उम्मत के उलमा ने किताबों और बाज़ों और तकरीरों और किताबें लिखने, तैयार करने, साथ ही मक्तवों और मदरसों के जरिए जिस तरह भी बन पड़ा, मेहनत और कोशिश करके इल्मे दीन को बाक़ी रखा। फ़-जजाहुमुल्लाहु तआला अहसनल जनाअ०
فَجَزَاهُمُ اللَّهُ تَعَالَى أَحْسَنَ الْجَزَاءِ
दीन के अलग-अशोबों की तालीम व तब्लीग के लिए बहुत-सी किताबें लिखी हैं, जिनमें बहुत-सी ऐसी भी हैं जो सिर्फ औरतों से मुताल्लिक हैं, ख़ास तौर पर उनके लिए ही लिखी गई हैं।
मुस्लिम ख्वातीन के लिए 20 सबक
यह किताब भी इसी सिलसिले की एक कड़ी है जिसे नाचीज़ ने सिर्फ़ अल्लाह की तौफ़ीक़ और मदद से अपने एक मुलिस दोस्त की फ़रमाइश पर लिखा है। भाषा आसान और सादा रखने की कोशिश की है। बहुत-सी जगह अपने बड़ों की किताबों और खुद अपनी किताबों से चीजें ली हैं। पूरी किताब में 20 सबक हैं। समझाने-बुझाने और उभारने के लिए मिश्कात शरीफ और हाफिज़ मुन्नरी रह० की मशहूर किताब अत-तब वत-तहब’ से चुने हुए हिस्से लेकर हर मज़्यून बारे में हदीसों का तर्जुमा मन्नून का हिस्सा बना दिया है। कुछ रिवायतों को छोड़कर (जिनका हवाला दे दिया गया है) तमाम हदीसे इन्हीं दो किताबों से लेकर दर्ज की हैं।
मुस्लिम ख्वातीन के लिए 20 सबक PDF FREE
चूंकि किताब ख़ास तौर पर औरतों और बच्चियों के लिए लिखी गई है (अगरचे फायदेमंद सभी के लिए है) इसलिए कुछ जगहों पर स्त्रीलिंग में बात हुई है और बयान करने का तरीका भी ऐसा ही अपनाया गया है जो औरतों के लिए ज़्यादा फायदेमंद है और जिससे औरतें यह समझ सकें कि यह बात हमसे कही जा रही है।
औरतों की बढ़ती हुई गफलत और दीन से लापरवाही, जो आम हो रही है, उसकी रोकथाम के लिए इस किताब को लेकर घर-घर पहुंचाना और घरों में तालीमी हलके क़ायम करके औरतों को सुनाना बेहद ज़रूरी है।
यों तो इस किताब के सारे मज़्मून अहम हैं, लेकिन ख़ुसूसियत के साथ नमाज, ज़कात और दीन सीखना-सिखाना, बच्चों को दीनी तर्बियत देना और अल्लाह की याद में लगे रहना और लिबास व जेवर, साथ ही परदा और समाज-सुधार वाले सबक़ बड़े अहम हैं। जिन इदारों और अंजुमनों के तहत ऐसे स्कूल या मक्तब या मदरसे हैं,
जिनमें मुसलमान बच्चियां तालीम हासिल करती हैं, अगर इस किताब को कोर्स में दाखिल करके आम कर दें और हर घर में पहुंचा दें तो बड़े सवाब के हकदार होंगे। पढ़ने वालों से दरख्वास्त है कि नाचीज़ बन्दे और उसके दीनी भाई जिनकी फरमाइश पर यह रिसाला लिखा गया है उसके मां-बाप को अपनी दुआओं में जरूर याद रखें।
मुस्लिम ख्वातीन के लिए 20 सबक की जानकारी
- पहला सबक कलमा तय्यब
- दूसरा सबक नमाज
- तीसरा सबक जकात
- चौथा सबक बैतुल्लाह का हज
- पांचवा सबक रमजान शरीफ के रोजे
- छठा सबक दिन को सीखना और सिखाना
- साठवा सबक – बच्चों की तालीम
- आठवा सबक – अल्ल्लाह का जिक्र
- नौवा सावक हुकुकुल इबाद
- दसवा सबक – खिदमते खल्क
- ग्यारह – मां बाप के हक़
- बारह – शौहर का हक़
- तेरह – पडोसी के हक़
- चौदह – नियत में इख्लाश
- पंद्रह – जुबान की हिफाजत
- सोलह – हलाल रोजी
- सत्तरह – लिबास और जेवर
- उन्नीस – रहन सहन की इस्लाह
- बीस – नेकिओं का फैलाना और गुनाहों से रोकना
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