माहे रमजान कैसे गुजारे पीडीऍफ़ Mahe Ramzan Kaise Guzare PDF: ramzan kaise guzare pdf dawateislami Ramzan ki kitab PDF IN DOWNLOAD
रमजान का मुबारक महीना बहुत ही बरकत और फजीलत वाला महीना है इस महीने को अल्लाह का महीना भी कहा जाता है रमजान में इस्लाम के मानने वाली चाँद के हिसाब से 29 या 30 दिन का रोजा रखते है जिसमे पुरे दिन न तो कुछ खाते है ना पीते है साथ ही पूरा दिन अल्लाह की इबादत में गुजारते है
ऐसे में हम रमजान यानी बरकात वाली महीना माहे रमजान कैसे गुजारे पीडीऍफ़ किताब पीडीऍफ़ डाउनलोड लिंक शेयर कर रहे है
माहे रमजान कैसे गुजारे
पुस्तक के कुछ सारांश शेयर कर रहे है अगर मुकम्मल किताब माहे रमजान कैसे गुजारे पढ़ना चाहते है तो पीडीऍफ़ डाउनलोड करें जिसका लिंक अंत में शेयर किया गया है है –
बेहसाब व किताब जन्नत में
- हज़रत कजब फरमाते हैं कि
- जो शख्स रमजान शरीफ के रोज़े पूरे करे
- और उसकी नियत यह भी हो कि रमजान के बाद भी गुनाहों से बचता रहूंगा
- वह वगैर हिसाब व किताब और वगैर सवाल व जवाब के जन्नत में दाखिल होगा।
रोज़ादार कहाँ हैं?
हज़रत सहल ने नवी करीम से रिवायत की है कि आपने फ़रमाया, जन्नत का एक दरवाजा जिसे “रख्यान” कहा जाता है, उससे सिर्फ रोज़ेदार दाखिल होंगे, इनके सिवा कोई और दाखिल न होगा। कुवामत के दिन निदा दी जाएगी कि रोज़ेदार कहाँ हैं?! तो वह आऐंगे और जब दाखिल हो जाएँगे तो दरवाज़ा बंद हो जाएगा और फिर इससे कोई दूसरा दाखिल न हो सकेगा। (बुखारी: जि.1, स.251)
पूरे साल रोज़े की तमन्ना
- नवी करीम ने इर्शाद फ़रमाया
- अगर अल्लाह तआला के बंद रमज़ान की फजीलत जान लें
- तो मेरी उम्मत तमाम साल रोज़ा से रहने की ख़्वाहिशमंद होती।
हज़रत अबू हुरैरा से रिवायत है कि आकाए कौनैन व मकाँ ने इशाद फरमाया
- यानी रोजे ढाल हैं। (मुस्लिम) स.363)
- मेरे प्यारे आका के प्यारे दीवानो! मुहदिषीन किराम ने इस हदीप की वजाहत करते हुए फरमाया है:
- रोज़ेदार के सामने जब किसी गुनाह का मुहर्रिक आता है
- तो रोज़ा उसके लिए दाल बन जाता है और
- वह इस गुनाह और वह इस गुनाह से रुक जाता