कलमा शहादत का अर्थ पीडीऍफ़ डाउनलोड Kalma Shahadat in Hindi kalma tamjeed meaning in hindi कलमा का मतलब क्या होता है PDF BOOK IN HINDI
Kalma Shahadat in Hindi : कलमा, अरबी शब्द “شهادة” (shahādah) का हिंदी रूपांतरण है और इसका अर्थ होता है “शहादत” या “मार्ट्यरडम”। इस्लाम धर्म में, कलमा (शहादत) एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है और इसे एक बार पढ़ने वाले को मुस्लिम धर्म का हिस्सा माना जाता है।
कलमा (शहादत) दो हिस्सों से मिलकर बना होता है:
- ला إله إلا الله (Lā ilāha illā-llāh)
- जो अर्थ होता है “कोई भी ईश्वर नहीं, सिवाय एक ईश्वर के”
- محمد رسول الله (Muhammadun rasūlu-llāh)
- जो अर्थ होता है “मुहम्मद एक पैगंबर हैं”
Kalma Shahadat in Hindi: कलमा (शहादत) का उच्चारण एक मुस्लिम व्यक्ति को ईमान और अपने आस्था का प्रमाण माना जाता है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपनी श्रद्धा की घोषणा करता है और इस्लाम धर्म में शामिल हो जाता है। कलमा (शहादत) बहुत महत्वपूर्ण है और मुस्लिम समुदाय में व्यापक रूप से प्रचलित है।
कलमा शहादत का अर्थ
कलमा, जिसे अंग्रेजी में “Kalma” कहा जाता है, एक इस्लामी शब्द है जिसका अर्थ होता है “शहादत की प्रमाणिक प्रतिज्ञा”। इसे मुस्लिम धर्म के अनुयाय लोग एक महत्वपूर्ण मान्यता मानते हैं। कलमा एक सादे शब्दों में बोली जाती है और इसका मतलब होता है कि व्यक्ति ईश्वर को स्वीकार करता है और उनकी आहुति के लिए जीवन की प्राण-प्रतिज्ञा करता है। यह एक मान्यता सिद्ध होती है जब कोई व्यक्ति मुस्लिम बनता है या अपने आस्था को पुनर्जीवित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
Kalma Shahadat in Hindi: कलमा यह है –
- لا إله إلا الله محمد رسول الله
- (ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुन रसूलुल्लाह)
- जिसका अनुवाद होता है, “ईश्वर के सिवाय कोई पूजनीय नहीं है,
- और मुहम्मद उनके रसूल हैं।” यह इस्लाम की मुख्य मान्यताओं में से एक है
- और मुस्लिम धर्म का मूल तत्त्व माना जाता है।
ला इलाहा इल्लल्लाह का अर्थ Kalma Shahadat
कलमा लाइलाहा इल्लल्लाह एक ऐसा वाक्य है जिस में निषेध एंव इकरार दो चीजें पाई जाती हैं. इसके प्रथम भाग लाइलाह में निषेध है तथा दुतीय भाग इल्लल्लाह में इकरार है, तो इस प्रकार इस का अर्थ यह हुआ कि ईश्वर के इलावा कोई भी सत्यतः उपासना योग्य नही.
- कुछ मूर्खजनों का विचार है कि
- कलमा लाइलाह इल्लल्लाह का अर्थ केवल यह है कि
- इसे ज़बान से पढ़ लिया जाये, या अल्लाह के वजूद को मान लिया जाये,
- या संसार की समस्त चीज़ों पर बिना किसी भागीदारी के उसकी शासन को कबूल कर लिया जाये,
- किन्तु यह विचार व्यार्थ और निन्दनीय है.
क्योंकि अगर कलमा का अर्थ यह होता तो अहले किताब (यहूदी, ईसाई ) तथा बुत और मूर्तियों के पूजा करने वालों को तौहीद (एकेश्वरबाद) की ओर निमंत्रण देने की ज़रूरत और अवश्यक्ता ही क्या थी जबकि यह लोग भी इतनी बातों पर विश्वास रखते थे. क्लिक से पढ़े 6 कलमा हिंदी में लिखा हुआ