इस्तिंजा करने का तरीका पीडीऍफ़ Istinja Ka Tariqa PDF IN HINDI Istinja karne ka Sunnat Tarika peshab karne ka sunnat tarika istinja karne ka tarika in urdu
इस्तिन्जा का तरीका इन हिंदी पीडीऍफ़ – Istinja Ka Tariqa
इस्तिन्जा खाने में जिन्नात और शयातीन रहते हैं अगर जाने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ ली जाए तो इस की ब-र-कत से ‘वोह सित्र देख नहीं सकते। हदीसे पाक में है :
जिन्न की आंखों और लोगों के सित्र के दरमियान पर्दा येह है कि जब पाखाने को जाए तो बिस्मिल्लाह कह ले।’ या’नी जैसे दीवार और पर्दे लोगों की निगाह के लिये आड़ बनते हैं ऐसे ही येह अल्लाह का ज़िक्र जिन्नात की निगाहों से आड़ बनेगा कि जिन्नात उस को देख न सकेंगे।इस्तिन्जा खाने में दाखिल होने से पहले बिस्मिल्ला पढ़ लीजिये बल्कि बेहतर है कि येह दुआ पढ़ लीजिये : (अव्वल व आखिर दुरूद शरीफ) गुहागरंग यानी अल्लाह के नाम से शुरूआ, या अल्लाह ! मैं नापाक जिन्नों (नर व मादा) (Irrellites Cus) से तेरी पनाह मांगता हूं।
Istinja Ka Tariqa
इस्तिंजा करने का तरीका पीडीऍफ़ Istinja Ka Tariqa PDF IN HINDI
- इस्तिंजा करने का तरीका- फिर पहले उलटा क़दम इस्तिन्जा खाने में रख कर दाखिल हों सर ढांप कर इस्तिन्जा करें
- नंगे सर इस्तिन्जा खाने में दाखिल होना मम्नूअ है
- जब पेशाब करने या क़ज़ाए हाजत के लिये बैठें तो मुंह और
- पीठ दोनों में से कोई भी किब्ला की तरफ़ न हो
- अगर भूल कर किब्ला की तरफ़ मुंह या पुश्त कर के बैठ गए तो याद आते ही
- फ़ौरन किब्ला की तरफ से इस तरह रुख बदल दे
- इस में उम्मीद है कि फ़ौरन उस के लिये मग्फ़िरत व बख्शिश फ़रमा दी जाए
- बच्चों को भी किब्ला की तरफ मुंह या पीठ करा के पेशाब या पाखाना न कराएं,
- अगर किसी ने ऐसा किया तो वोह गुनहगार होगा
- जब तक क़ज़ाए हाजत के लिये बैठने के क़रीब न हो
- कपड़ा बदन से न हटाए और न ही ज़रूरत से ज़ियादा बदन खोले