फतह इस्लाम किताब हिंदी में पीडीऍफ़ Fateh Islam Hindi PDF islamic hindi books pdf download fateh islam hindi pdf fateh islam hindi pdf free download
इस्लाम की फतह कब कैसे हुई इसके बारें में बहुत से सवाल आपके मन में अगर है और इन सवाल के जवाब जानना चाहते है ऐसे में फतह इस्लाम किताब हिंदी में पीडीऍफ़ (Fateh Islam Hindi PDF Book) फ्री में डाउनलोड करें
फतह इस्लाम किताब
किताब फतह इस्लाम किताब हिंदी में पीडीऍफ़ के कुछ अंश, सारांश, हिंदी में लिखा हुआ पढ़े – प्राक्कथन
यह पुस्तक युगावतार हजरत मिर्ज़ा गुलाम अहमद साहिब क़ादियानी मसीह मौऊद व महदी मअहूद अलैहिस्सलाम ने सन् 1890 ई. में उर्दू भाषा में लिखी। 1891 ई. के आरम्भ में छप कर प्रकाशित हुई।
इस में आप ने घोषणा की कि हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की भविष्यवाणी के अनुसार मसीह जो आने वाला था वह मैं हूँ चाहो तो क़बूल करो। फिर फ़रमाया कि “मसीह के नाम पर यह विनीत भेजा गया है ताकि सलीबी विचारधारा को टुकड़े-टुकड़े कर दिया जाये।
अतः मैं सूली को तोड़ने और सूअरों के वध करने के लिए भेजा गया हूँ।” इसी प्रकार आप ने मुसलमानों पर स्पष्ट किया कि आप का आविर्भाव सलीबी विचारधाराओं के तिलस्म को तोड़ने के लिए ख़ुदा तआला की और से एक चमत्कार हैं।
सैयदना हज़रत मिर्ज़ा मसरूर अहमद इमाम जमाअत अहमदिय्या पंचम की अनुमति से दफतर नश्रो इशाअत कादियान उक्त पुस्तक का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित कर रहा है। अल्लाह तआला इसे हिन्दी भाषियों के लिए अत्यन्त लाभप्रद बनाये। तथास्तु
फतह इस्लाम किताब हिंदी में
- फतह इस्लाम किताब हिंदी में पीडीऍफ़ Fateh Islam Hindi PDF – किताब से कुछ अंश
- तीसरा निशान यह है कि वह चुनिंदा नवी जिस पर तुम ईमान लाने का दावा करते हो
- उस पवित्र नबी अलैहिस्सलाम ने इस विनीत के बारे में लिखा है
- जो तुम्हारी सही हदीसों में मौजूद है जिस पर आज तक तुम ने कभी ध्यान नहीं दिया।
- अतः तुम वस्तुतः आँहज़रत सल्लल्लाहो अलैहि च. सल्लम के छुपे हुए शत्रु हो कि
- उनकी पुष्टि के लिए नहीं अपितु झुठलाने के लिए प्रयासरत हो
- अब तुम में से बहुत से लोग कुफ्र का फ़तवा (निर्णय) लिखेंगे और यदि सम्भव होता तो वे वध कर देते।
- परन्तु यह शासन इस कौम का शासन नहीं
- जो उत्तेजना में बहुत अधिक और समझने में बहुत मूर्ख और नैतिक सहिष्णुता में अति पिछड़ा हुआ हो
- और यहूदियत की रूह को जीवित करके दिखला रहा हो।
- यह शासन यद्यपि ईमान की श्रेष्ठता और वरदान अपने अन्दर नहीं रखता
- फिर भी हेरोदेस के उस शासनकाल से जिस के साथ हजरत मसीह पुत्र मरयम का मामला पड़ा था
- कई गुना अच्छा और वर्तमान समय के इस्लामी शासनों से शान्ति और भलाई फैलाने
- और आजादी देने और जनसाधारण की सुरक्षा और सुधार और न्याय प्रक्रिया की व्यवस्था
- और अपराधियों की पकड़-धकड़ के कार्यों की दृष्टि से बहुत उत्तम है।