भजन संग्रह गीता प्रेस पीडीऍफ़ Bhajan Sangrah Gita Press PDF IN HINDI Hindi Book Bhajan Sangrah ( Complete)by Gita Press IN HINDI
गीता प्रेस की पुस्तक भजन संग्रह डाउनलोड करने से पहले जाने भजन क्या होता है Bhajan Kya Hota Hai –
सनातन धर्म में भजन धार्मिक संगीत का एक प्रमुख रूप में जाना जाता है भजन सामान्य तौर पर भगवान् की प्रशंसा और भक्ति के लिए गाया जाता है भजन में धार्मिक और भक्त के धार्मिक भावनए शामिल होती है जैसे – आराधना, श्रद्धा, प्रेम और आनंद को व्यक्त करना होता है
भजन यानी धार्मिक गाने भक्त को आत्मिक और मानसिक शांति प्रदान करती है इसलिए इसे सुनना बहुत पसंद किया जाता है
सनातन धर्म में भजनों को भजन या कीर्तन के नाम से भी जाना जाता है जबकि सिख धर्म में इन्हें गुरबाणी की रूप में एंव इस्लाम में नात ए पाक के रूप में जाना जाता है
भजनों की गायन परंपरा बहुत पुरानी है और यह ग्रंथों, पुराणों और धार्मिक लेखों में भी उल्लेखित है। भजनों का उद्देश्य आत्मा के संगीतिक अनुभव के माध्यम से भगवान के प्रति भक्ति व्यक्त करना है
भजन संग्रह गीता प्रेस Bhajan Sangrah Gita Press
भजन संग्रह गीता प्रेस पीडीऍफ़ Bhajan Sangrah Gita Press PDF : भजन संग्रह पुस्तक पीडीऍफ़ डाउनलोड करने से पहले कुछ अंश लिखा हुआ पढ़े जो निम्नलिखित है –
ॐ श्रीपरमात्मने नमः
भजन-संग्रह – तुलसीदास – स्तुति – राग बिलावल
- गाइये गनपति जगवन्दन।
- संकर सुवन भवानी-नन्दन ॥ १॥
- सिद्धि-सदन, गजबदन, विनायक ।
- कृपासिंधु सुन्दर सब लायक ॥ २ ॥
- मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता विद्या-वारिधि बुद्धि-विधाता ॥ ३ ॥
- माँगत तुलसिदास कर जोरे बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥ ४ ॥
नाम राग भैरव
- राम जपु राम जपु बावरे।
- राम जपु घोर-भव नीर-निधि नाम निज नाव रे ॥ १ ॥
- एक ही साधन सब रिद्धि सिद्धि साधि रे।
- उसे कलि रोग जोग संजम समाधि रे ॥ २ ॥
- भलो जो है, पोच जो है, दाहिनो जो वाम रे।
- राम-नाम ही सों अंत सबहीको काम रे ॥३॥
- जग नभ-वाटिका रही है फलि फूलि रे।
- धुवाँ कैसे धौरहर देखि तू न भूलि रे ॥ ४ ॥
- राम-नाम छोड़ जो भरोसो करें और रे।
- तुलसी परोसो त्यागि माँगे कूर कौर रे॥५॥