आसमा उल हुस्ना पीडीऍफ़ Asma Ul Husna PDF Free Download अल्लाह के नाम से इलाज asma ul husna full pdf in hindi asma ul husna 99 names of allah
अल्लाह तआलाके अस्माए हुस्नाका वर्णन = हदीश शरीफ में आया है कि :
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि व सल्लमने इर्शाद फरमाया कि :
“अल्लाह तआलाके अस्माए हुस्ना (सुंदर नाम) जिनके साथ दुआ माँगनेका हमैं हुक्म दिया गया है, निनानवे (९९) नाम हैं, जो व्यक्ति इनका इहातह कर लेगा (अर्थात् याद कर लेगा और पढता रहेगा) वह जन्नतमें प्रवेश करेगा।
यही हदीष शरीफ इन शब्दोंमें भी मन्कूल है । “जो कोई व्यक्ति इनको हिफज़ (याद) कर लेगा (और बराबर पढ़ता रहेगा वह अवश्य जन्नतमें प्रवेश करेगा। “
इस हदीष शरीफमें जिन निनानवे (९९) नामोंका उल्लेख हुवा है इनमें अधिकतर रूम कुअने करीममें मजकूर हैं, मात्र कुछ नाम अँसे हैं जो हूबहू कुअने करीममें मज़कूर नहीं है, लेकिन कुअनमें आया है, जिसका अर्थ हूबहू वोही है जो के है । (बदला लेनेवाला) ।
अस्माए हुस्नाका उल्लेख इस आयते करीम में है :
وَلِلَّهِ الْأَسْمَاءُ الْحُسْنَى فَادْعُوهُ بِهَا
और अल्लाहके सबके सब ही नाम अच्छे (सुंदर) हैं, बस
अहादीषमें इस्मे आज़म – आसमा उल हुस्ना
हदीष शरीफमें आया है –
- रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि व सल्लम ने एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना –
- ऐ अज़मत व जलाल और एहसान व इकराम के मालिक
- तो आप सल्लल्लाहु अलयहि व सल्लमने फरमाया:
- “तेरी दुआ कुबूल की जाएगी, अब तू (जो चाहे) माँग ।
एक और हदीष शरीफमें आया है कि :
- अल्लाह तआलाकी जानिबसे एक फरिश्ता नियुक्त है
- जो व्यक्ति तीन मर्तबह : (ऐ सब दया करनेवालोंसे अधिक दयालु)
- “निशंक, सबसे महान दयालु तेरी ओर घ्यानित है, अब तू जो चाहे माँग । “
- कहता है वह फरिश्ता उस व्यक्तिसे कहता है :
एक और हदीष शरीफमें आया है कि :
- एक मर्तबह रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलयहि व सल्लम एक
- व्यक्ति के निकटसे गुज़रे जो : कह रहा था ।
- आप सल्लल्लाहु अलयहि व सल्लमने उससे फरमाया:
- “तू (जो चाहे) माँग, अल्लाहकी कृपा दृष्टि तेरी ओर है।
अस्मा हुस्ना नमाज पढ़ने का तरीका
asma ul husna parhne ka tarika – अस्मा हुस्ना नमाज पढ़ने का तरीका
हमने पृष्ठ क्रमांक ८, ९ पर जो नाम लिखे हैं, इन अस्माए हुस्नाकी तिलावत करना कोई चाहें तो इस तरह शुरू करें :
هُوَ اللهُ الَّذِئ لَّا إِلَهَ إِلَّا هُوَ الرَّحْمَنُ الرَّحِيمُ आखिर तक लगातार (मिला कर) पढ़ते चले जाऐं ।
- हर नामके आखिरी हर्फ पर पेश पढ़े और दूसरे नामसे मिला दें।
- जिस नाम पर साँस लेनेके लिए रुकें उसको न मिलाऐं और दूसरा नाम से शुरू करें ।
- अगर किसी एक नामका वज़ीफा पढ़े तो शुरूमें ‘ (‘या’) (हर्फे निदा) (संबोघन शब्द) की वृद्धि करें ।
- जैसे : ” का वज़ीफा पढ़ना हो तो حمنُ (‘या रहमानु’) पढ़े, (‘यर्रहमानु) न पढ़े,
- इसी तरह सब अस्माअको समज़ लीजीए ।
