अबू जहल की मौत कैसे हुई पीडीऍफ़ Abu Jahal ki Maut kaise Hui PDF HINDI – अबू जहल (Abu Jahl), जिसे अस्वर्गीय नाम अकबर इब्ने हिशाम भी पुकारा जाता था, एक मक्का में मसीही नबी मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के समक्ष प्रतिस्पर्धी था। वह कुरैश कबीले का सबसे विद्रोही और प्रमुख व्यक्ति था। अबू जहल का वास्तविक नाम अकबर था, लेकिन उसे अबू जहल कहा जाता था
क्योंकि वह कुरैश कबीले के लोगों के लिए धर्मद्रोही और शत्रुवादी की भूमिका निभाता था। उन्होंने मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के प्रवचनों और इस्लाम के संदेश को खण्डित करने के लिए कई प्रयास किए। उन्होंने कुरैशी लोगों को मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए बहुत सारे संगठन भी बनाए।
अबू जहल ने भारी रकम की आर्थिक सहायता दी और मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को रोड़े पर घसीटने और परेशान करने की कोशिश की।
जाने अबू जहल की मौत कैसे हुई
अबू जहल का सर सरकारे नामदार ने फरमाया: कौन है जो अबू जहल को देख कर उस का हाल बताए ? तो हज़रते सय्यदुना अब्दुल्लाह बिन मस्कृद ७ J ने जा कर लाशों में देखा तो अबू जल जख्मी पड़ा हुवा दम तोड़ रहा था, उस का सारा बदन फौलाद में चुप हुवा था, उस के हाथ में तलवार थी जो रानों पर रखी हुई थी, जख्मों की शिद्दत के बाइस अपने किसी उच्च को जुम्बिश नहीं दे सकता था
- अब्दुल्लाह इब्ने मस्ऊद ने उस की गरदन पर पाठ रखा
- इस आलम में भी उस के तकब्बुर का आलम यह था
- कि हकारत से बोल उठा ऐ बकरियों के चीनी। तू बड़ी ऊंची और दुश्वार जगह पर चढ़ गया।)
- हज़रते सख्यिदुना अब्दुल्लाह इमे मस्कुद फरमाते हैं:
- मैं अपनी कुन्द तलवार से अबू जहल के सर पर जुर्बे लगाने लगा,
- जिस से तलवार पर उस के हाथ की गिरिफ्त ढीली पड़ गई, मैं ने उस से तलवार खींच ली।
- जां कनी के आलम में उस ने अपना सर उठाया और पूछा: फतह किस की हुई?
- मैं ने कहा यानी अल्लाह व रसूल # के लिये ही फतह है।
- फिर मैं ने उस की दाढ़ी की पकड़ कर छोड़ा और कहा यानी शुक्र है कि
- जिस ने ऐ दुश्मने खुदा तुझे जलील किया। मैंने उस का खोद उस की गुद्दी से हटाया
- और उसी की तलवार से उस की गरदन पर जोरदार वार किया उस की गरदन कट कर सामने का गिरी।