महाभारत गीता प्रेस गोरखपुर PDF DOWNLOAD MAHABHARAT NEW

महाभारत गीता प्रेस गोरखपुर PDF DOWNLOAD MAHABHARAT: हिन्दू धर्म की पुस्तक महाभारत इतिहास श्रेणी के अंतर्गत आता है महाभारत में अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ इत्यादि का उल्लेख मिलता है अगर PDF DOWNLOAD MAHABHARAT GITA PRESS GORAKHPUR की करना चाहते है तो इस लेख के अंत में डाउनलोड बटन दिया गया है

महाभारत की शुरुआत कैसे हुई थी?

हिन्दू धर्म में महभारत का एक विशेष महत्व है महभारत के इतिहास बारें में समय समय पर कई कवियों ने अपने अपने अंदाज में वर्णन किया है और आज भी करते है साथ ही जब तक यह धरती रहेगी तब तक महाभारत का वर्णन होता रहेगा लेकिन इस महाभारत की शुरुआत कैसे हुई थी? आगे जाने –

  • महाभारत की शुरुआत स्वर्ग से होती है ।
  • महाभारत में बताया गया है कि किस तरह स्वर्ग से देवी, देवता, वसु इत्यादि
  • पृथ्वी पर आए जिन्होंने महाभारत की शुरुआत की ।
  • महाभारत ग्रंथ की रचना महर्षि वेदव्यास जी ने की थी ।
  • महाभारत मे कुल 1 लाख श्लोक हैं और 18 पर्व हैं ।
  • जब महर्षि वेदव्यास जी के हृदय मे महाभारत ग्रंथ प्रकाशित हुआ तो
  • उन्होंने इसे एक लाख श्लोक वाले ग्रंथ महाभारत के रूप मे शिव पुत्र गणेश से लिखवाया
  • ताकि इसका प्रचार प्रसार हो सके ।
  • मान्यता है कि महाभारत इतिहास का भी इतिहास है

महाभारत का पहला भाग

  • प्रथमोऽध्यायः – महाभारत का पहला भाग से
  • ग्रन्थका उपक्रम, ग्रन्थमें कहे हुए अधिकांश विषयोंकी संक्षिप्त सूची तथा इसके पाठकी महिमा
  • नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम् ।
  • देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जयमुदीरयेत् ।।
  • बदरिकाश्रमनिवासी प्रसिद्ध ऋषि श्रीनारायण तथा श्रीनर (अन्तर्यामी नारायणस्वरूप भगवान् श्रीकृष्ण
  • उनके नित्यसखा नरस्वरूप नरश्रेष्ठ अर्जुन), उनकी लीला प्रकट करने वाली भगवती सरस्वती
  • और उसके वक्ता महर्षि वेदव्यासको नमस्कार कर (आसुरी सम्पत्तियोंका नाश करके अन्तःकरणपर दैवी सम्पत्तियोंको विजय प्राप्त करानेवाले)
  • जय (महाभारत एवं अन्य इतिहास-पुराणादि) का पाठ करना चाहिये।
  • उ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ नमः पितामहाय।
  • ॐ नमः प्रजापतिभ्यः । ॐ नमः कृष्णद्वैपायनाय।
  • ॐ नमः सर्वविघ्नविनायकेभ्यः । ॐ कारस्वरूप भगवान् वासुदेव को नमस्कार है।
  • ॐकारस्वरूप भगवान् पितामहको नमस्कार है।
  • ॐ कारस्वरूप प्रजापतियोंको नमस्कार है। ॐ कारस्वरूप श्रीकृष्णद्वैपायनको नमस्कार है।
  • ॐ कारस्वरूप सर्व-विघ्नविनाशक विनायकको नमस्कार है।
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