लिंग पुराण गीता प्रेस गोरखपुर PDF LING PURAN GITA PRESS: सनातन (हिन्दू) धर्म में कुल पुराण की संख्या 18 है इन 18 पुराण में से एक लिंग पुराण है इस ग्रंथ का सनातन धर्म में एक विशेष स्थान है ऐसे में लिंग पुराण गीता प्रेस गोरखपुर PDF DOWNLOAD शेयर कर रहे है
लिंग पुराण क्या है
Ling Puran Kya Hai in Hindi – अट्ठारह महापुराणों में से एक पुराण का नाम लिंग पुराण है इस पुराण में भगवान् शिव जी के में ज्योर्तिलिंगों की कथा, ईशान कल्प के वृत्तान्त सर्वविसर्ग इत्यादि की दशा की जानकारी मिलती है इस पुराण में लगभग ग्यारह हजार श्लोक में भगवन शिव की महिमा का जिक्र मिलता है मान्यता ही कि यह सभी पुराण में सबसे श्रेष्ठ पुराण है
HIGLIGHT
देवाधिदेव भगवान शंकर की महिमा से युक्त लिंग पुराण अपना विशेष स्थान रखता है। अठारह पुराणों की गिनती करते समय यह ग्यारहवें महापुराण की श्रेणी में आता है। नारद जी के अनुसार धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का दाता यह शिव पुराण का पूरक ग्रन्थ है। इस प्रकार भगवान शंकर के परमतत्व का प्रकाशक यह पुराण भक्तिपूर्वक पढ़ने या सुनने से शिवलोक की प्राप्ति बतलाई गई
मृत्युञ्जय विधि वर्णन
लिंग पुराण के कुछ भाग निम्न है जिसमे मृत्युञ्जय विधि वर्णन किया गया है –
- ऋषि बोले- हे सूतजी!
- अब आप ब्राह्मण क्षत्री और वैश्यों के लिए मृतञ्जय विधि का वर्णन हमसे कीजिए।
- क्योंकि आप सर्वज्ञ हो और सब कुछ बताने में समर्थ हो ।
- सूतजी बोले- हे श्रेष्ठ ब्राह्मणो! अब मैं मृत्युञ्जय विधि को बताऊँगा ।
- विधि पूर्वक क्रम से एक नियुत अर्थात् लाख बार घी से हवन करना चाहिए।
- अथवा घी सहित तिल और कमल से प्रयत्न सहित हवन करे।
- अथवा दूर्वा, घृत, गौ का दूध और शहद मिलाकर हवन करना चाहिए। अथवा
- केवल घी और खीर का चारु बनाकर अग्नि में हवन करे
- इस प्रकार हवन करने वाला पुरुष काल मृत्यु को भी जीत लेता है
- इसमें कोई संदेह नहीं करना चाहिए।