ज्ञान माला पुस्तक पीडीएफ डाउनलोड Gyan Mala Book PDF dharmik pustak pdf download ज्ञान माला किताब pdf free download Gyan Mala PDF IN HINDI
सूर्य, अग्नि, जलदेवकी पूजनविधि ।
(सूर्यनारायणकी पूजनविधि ) आदित्यवार को व्रत धारण करे और व्रत न राख सके तो वा दिन तो नोन नहीं खाय और प्रातःकाल स्नान करके श्रीसूर्यको पात्रते जल तर्पण करके दंडवत् करे । (अग्निदेवता की पूजनविधि ) प्राप्तः- काल स्नान करके अपने इष्टदेवताको ध्यान और स्मरण करे फिर शर्करा, घृत, तिल, यवादि सामग्रीसे अग्रिदेवका पूजन करे और जो इस भांति नहीं कर सके तो जब रसोई होजाय सब रसोईकी सब सामग्रीसे पूजन करे। (जलदेव- ताकी पूजन विधि ) प्रातःकाल स्नान करके जल- देवतापै दूध चढ़ावे और चन्दन चावल पुष्प चढाइके मिठाई अर्पण करे
इति पूजन विधि – ज्ञान माला पुस्तक
ज्ञान माला पुस्तक पीडीऍफ़ डाउनलोड लिंक सबसे आखिर में शेयर किया गया है आगे इति पूजन विधि । ज्ञान माला पुस्तक से लिखा हुआ पढ़े –
- जो मनुष्य इस भांतिले इन तीनों देवतान को पूजन प्रतिदिन करे
- तो इनके आशीर्वादसों इसलोक- में घन संतान और परलोक में वैकुण्ठधाम पावै ।
- शिक्षा – हे अर्जुन ! मनुष्यको चाहिये कि जलते भये दीपकको बुझाने नहीं
- और जो कोई पुरुष या स्त्री दीपकसों दीपक जोडे तो पातकी होय ।
- शिक्षा- हे अर्जुन । जो व्रती मनुष्य चार- पाईपै सोवे तो व्रत निष्फल होजाय
- क्योंकि, जिस देवताको व्रत धारण करे सोई देवता व्रत के दिन व्रती
- मनुष्यकी देहमें वास करता है इस लिये जो व्रती व्रत के दिन स्वच्छता से रहे
- और चारपाई सो नहीं पृथ्वीपर सोवै स्त्रीसे अलग रहे एक बार फलाहार करे
- कछु ब्राह्मणको भोजन देह तो देवता प्रसन्न होहके आशीर्वाद देवे और व्रत फलदायक होय ।
- शिक्षा- हे अर्जुन ! व्रत के दिन किसीको अपनी जूठन देनी न चाहिये
- क्योंकि जो कोई जूठन खायगा तो व्रतके फलमें भागी होगा यह बड़ा दोष है ।
जेते पुण्य दान किये होगँ सो सब नाशको प्राप्त होजायँ इसलिये मनुष्यको अवश्य है कि जब चौथे दिन रजस्वला स्त्री स्नान करके शुद्ध होय तब वाके संग मैथुन कर्म करे और वा दिन मनुष्य स्त्रीसों मैथुन कर्म नहीं करे तो एक मनुष्य मारने की हत्या वाके शिर चढे । यह सुनके अर्जुनने विनती कीनी कि, हे जग- दीश अंतर्यामी !
जो वा स्त्रीका पुरुष परदेश गया होय तौ या पापसों कैसे मुक्ति पावे ? श्रीकृष्णजीने कही जो पुरुष घरमें नहीं होय तो स्त्रीको अवश्य है कि स्नान करके सूर्य सम्मुख स्थित होय अपने पतिको मुख मनकी आरसीमें देखले तो वाको पति या पापसों मुक्ति पावे ।