आयुर्वेद जड़ी बूटी रहस्य पतंजलि PDF ayurvedic jadi buti rahasya PDF book in hindi ayurvedic jadi buti rahasya pdf आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी की किताब pdf IN HINDI
जब कोई व्यक्ति किसी बिमारी से ग्रस्त हो तो तो वह डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाता है लेकिन बिमारी छोटी हो तो उसका इलाज घर पर आयुर्वेदिक जड़ी बूटी से भी कर सकता है ऐसे में आपके लिए आयुर्वेद जड़ी-बूटी रहस्य पतंजलि PDF ayurvedic jadi buti लेकर हाजिर है
आयुर्वेद जड़ी-बूटी रहस्य पतंजलि PDF
इस पुस्तक से कुछ बिमारी और उनके इलाज आयुर्वेद जड़ी बूटी रहस्य पतंजलि PDF ayurvedic jadi buti
औषधीय का प्रयोग–
मुँह की झाँई, धब्बे आदि : हल्दी के 3 ग्राम चूर्ण को आक के दुग्ध 5-7 बूंद व गुलाब जल में घोटकर आंखों को बचाकर झाई-युक्त स्थान पर लगायें, इससे लाभ होता है। कोमल प्रकृति वालों को आक की दूध की जगह आक का रस प्रयोग करना चाहिए।
सिर की खुजली: इसे सिर पर लगाने से क्लेद, दाह वेदना एवं कँडूयुक्त अरुषिका में लाभ होता है।’
कर्णरोगः तेल और लवण से युक्त आक के पत्तों को वैद्य बांये हाथ में लेकर दाहिने हाथ से एक लोहे की कड़छी को गरम कर उसमें डाल दें। फिर इस तरह जो अर्क पत्रों का रस निकले उसे कान में.. डालने से कान के समस्त रोग दूर होते है। कान में मवाद आना, साँय-साँय की आवाज होना आदि में इससे बहुत लाभ होता है।* कर्णशूल :
- आक के भली प्रकार पीले पड़े पत्तों को थोडा सा घी चुपड़कर आग पर रख दें
- जब वे झुलसने लगें, चटपट निकाल कर निचोड़ लें।
- इस रस को थोड़ी गरम अवस्था में ही कान में-
- डालने से तीव्र तथा बहुविधि वेदनायुक्त कर्णशूल शीघ्र नष्ट हो जाता है।
- आक के पीले पके बिना छेद वाले पत्तों पर घी लगाकर अग्नि में तपाकर
- उसका रस कान में 2 बूंद डालने से लाभ होता है।
आक और नेत्र रोग : ayurvedic jadi buti rahasya PDF
- अर्क भूल की छाल सूखी 1 ग्राम कूटकर, 20 ग्राम गुलाब जल में 5 ि तक रखकर छान लें।
- बूंद-बूंद आंखों में डालने से (3 या 5 बूंद से अधिक न डालें)
- नेत्र की लाली, भारीपन, दर्द, कील की अधिकता और खुजली दूर हो जाती है
- अर्कमूल की छाल को जलाकर कोयला कर लें और इसे थोड़े पानी में घिसकर
- नेत्रों के चारों ओर तथा पलकों पर धीरे-धीरे मलते हुये लेप करे तो लाली, खुजली, पलको की सूजन आदि मिटती है।
- आंख दुखनी आने पर, यदि बाई आंख हो और उसमें कडक दर्द व वेदना हो तो
- दाहिने पैर के नाखूनों को, यदि दाई आंख आई हो तो बांये पैर के नाखूनों को आक के दूध से तर कर दे।
सावधानी : आंख में दूध नही लगना चाहिये, नही तो भयंकर परिणाम होगा। यह एक चमत्कारिक प्रयोग होगा।