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मनुस्मृति पीडीऍफ़ इन हिंदी Manusmriti PDF in Hindi Download मनुस्मृति गीता प्रेस गोरखपुर PDF BOOK IN HINDI FREE DOWNLOAD मनुस्मृति श्लोक अर्थ सहित PDF
मनुस्मृति का मूल प्रवक्ता कौन ?
अतिप्राचीन काल से अध्यावधि पर्यन्त भारतीय वाङ्मय, संस्कृत-सभ्यता, धर्म, आचार-व्यवहार, कानून, पठन-पाठन आदि प्रत्येक क्षेत्र पर अपना न्यूनाधिक प्रभाव बनाये रखने वाले मनुस्मृति या मानवधर्मशास्त्र जैसे विशिष्ट ग्रन्थ का मूल प्रवक्ता या रचयिता सम्बन्धी प्रश्न आज विवादों शंका- संदेहों के भंवर में फंसा हुआ है, यह आश्चर्य की बात है।
यद्यपि इस विवाद के बीज पूर्वकालीन साहित्य में भी पाये जाते हैं. किन्तु आधुनिक अनुसन्धान ने इसे वृक्ष का रूप दे दिया तथा लेखकों ने अपनी-अपनी ऊडाओ, कल्पनाओं, अटकलों से इसे विवादास्पद बना दिया ।
मनुस्मृति में हुए प्रक्षेप भी इसमें प्रमुख कारण हैं, अत: आज इस बात की अति-आवश्यकता है कि प्रक्षेपों का अनुसन्धान, निर्धारण करके उसके पश्चात् मनुस्मृति सम्बन्धी प्रश्नों पर विचार किया जाये । तभी निर्भ्रान्त निष्कर्ष निकल सकते हैं।” मनुस्मृति के मूल रचयिता या प्रवक्ता के सम्बन्धमें इस समय चार मत प्रचलित हैं। –
आगे इन सभी मतों के पक्ष-विपक्ष पर सप्रमाण और प्रक्षिप्त श्लोकों की विवेचनापूर्वक विचार किया जाता है।
वर्तमान मनुस्मृति का रचनाकाल Manusmriti PDF in Hindi : आधुनिक विचारकों का मत है कि वर्तमान में प्रचलित मनुस्मृति का यह छन्दोबद्ध रूप पर्याप्त अवरकालीन है। इसकी कालावधि ईस्वी पूर्व प्रथम से द्वितीय शती मानी गयी है। उपर्युक्त विवेचन में सप्रमाण यह स्पष्ट किया गया है कि मनुस्मृति के मूलप्रवक्ता स्वायंभुव मनु हैं, और अधिकांश विद्वान इसी मत को ही मानते हैं।
माण्डूक्य उपनिषद गीता प्रेस पीडीऍफ़ Mandukya Upanishad Gita Press Gorakhpur mandukya upanishad pdf free download mandukya upanishad gita press pdf hindi
माण्डूक्योपनिषद् अथर्ववेदीय ब्राह्मणभागके अन्तर्गत है। इसमें कुल बारह मन्त्र हैं । कलेवरकी दृष्टिसे पहली दश उपनिषदोंमें यह सबसे छोटी है। किन्तु इसका महत्व किसीसे कम नहीं है । भगवान् गौडपादाचार्यने इसपर कारिकाएँ लिखकर इसका महत्व और भी बढ़ा दिया है।
कारिका और शांकरभाष्यके सहित यह उपनिषद् अद्वैतसिद्धान्तरसिकोंके लिये परम आदरणीया हो गयी है । गौडपादीय कारिकाओंको अद्वैतसिद्धान्तका प्रथम निबन्ध कहा जा सकता है। इसी प्रन्थरत्नके आधारपर भगवान् शंकराचार्यने अद्वैत- मन्दिरको स्थापना की थी। यों तो अद्वैतसिद्धान्त अनादि है, किन्तु उसे जो साम्प्रदायिक मतबादका रूप प्राप्त हुआ है उसका प्रधान श्रेय आचार्यप्रवर भगवान् शङ्करको है और उसका मूल ग्रन्थ गौडपादीय कारिका है।
कारिकाकार भगवान् गौडपादाचार्यके जीवन तथा जीवन- कालके विषय में विशेष विवरण नहीं दिया जा सकता । बँगलामें ‘वेदान्तदर्शनेर इतिहास’ के लेखक स्वामी श्रीप्रज्ञानानन्दजी सरस्वतीने उन्हें गौडदेशीय (बंगाली) बतलाया है । इस विषयमें वहाँ नैष्कर्म्य- सिद्धिकार भगवान् सुरेश्वराचार्यका यह श्लोक प्रमाणरूपसे उद्धृत किया गया है-
एवं गौडैर्द्राविडैर्नः पूज्यैरर्थः प्रभाषितः ।
अज्ञानमात्रोपाधिः सन्नहमादिदृगीश्वरः ॥
अगर मांडूक्य उपनिषद इन हिंदी पीडीएफ – डाउनलोड करना चाहते है तो सबसे आखिर में पीडीऍफ़ डाउनलोड लिंक शेयर किया गया है – आगे पुस्तक से कुछ अंश – शान्तिपाठ
प्रशावैशाख वेधक्षुभितजलनिधे बंद नाम्नोऽन्तरस्थं
भूतान्यालोक्य मग्नान्यविरतजननग्रादघोरे समुद्रे ।
कारुण्यादुद्दधारामृतमिदममरैर्दुर्लभं भूतहेतो-
र्यस्तं पूज्याभिपूज्यं परमगुरुममुं पादपातैर्नतोऽस्मि ॥२॥
मांडूक्य उपनिषद श्लोक अर्थ सहित : जो निरन्तर जन्म-जन्मान्तररूप ग्राहोंके कारण अत्यन्त भयानक है ऐसे संसारसागरमें जीवोंको डूबे हुए देखकर जिन्होंने करुणावश अपनी विशुद्ध बुद्धिरूप मन्थनदण्डके आघातसे क्षुमित हुए वेद नामक महासमुद्र के भीतर स्थित इस देवदुर्लभ अमृतको प्राणियोंके कल्याणके लिये निकाला है, उन पूजनीयोंके भी पूजनीय परम गुरु (श्रीगौडपादाचार्य) को मैं उनके चरणों में गिरकर प्रणाम करता हूँ ॥२॥
नात शरीफ बुक हिंदी PDF Naat Book Download: गाने बजने से अच्चा नात लिरिक्स लिखा हुआ पढ़े या फिर नबी (सल्ल.) की नात ए पाक
आला हजरत की नात शरीफ की किताब से (Naat Book) से एक नात लिरिक्स यहाँ लिख रहे है सुनते हैं कि महशर में सिर्फ़ उन की रसाई है
READ HERE SOME NAAT E PAAK नात शरीफ बुक हिंदी PDF FREE DOWNLOAD – सुनते हैं कि महशर में सिर्फ़ उन की रसाई है
सुन्दरकाण्ड पीडीऍफ़ गीता प्रेस Sunderkand PDF Gita Press New – गीता प्रेस गोरखपुर सुंदरकांड पीडीऍफ़ सचित्र सटीक मोटा टाइप पीडीऍफ़ डाउनलोड यहाँ से करें जिसका डाउनलोड लिंक लेख के अंत में दिया गया है
रामचरित मानस सुन्दर काण्ड पुस्तक में सबसे अधिक लोकप्रिय पाठ में कोई पाठ है तो सुन्दरकाण्ड है सुन्दर काण्ड में कुल 19 अध्याय हैं मान्यता है कि सुन्दरकाण्ड का धर्य और प्रेम से पाठ किया जाये तो इसका फल चार गुना प्राप्त होता है
सुन्दरकाण्ड की श्रेष्ठता का कारण बताते हुए कहा गया है – सुंदरकाण्ड में श्री राम सुन्दर हैं, कथा सुन्दर है, सीता सुन्दर है. सुन्दर में क्या सुन्दर नहीं है. इसीके साथ इसमें हनुमान जी का पावन चरित्र है, जो भक्तों के लिए कल्पवृक्ष है
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अगर आप सुंदरकाण्ड सम्पूर्ण पाठ अर्थ सहित पढ़ना चाहते है इसके लिए पीडीऍफ़ डाउनलोड करें लेकिन कुछ अंश हम यहाँ भी शेयर कर रहे है –
शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम् ॥
शान्त, सनातन, अप्रमेय (प्रमाणों से परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशान्ति देने वाले, ब्रह्मा, शम्भु और शेषजी से निरंतर सेवित, वेदान्त के द्वारा जानने योग्य, सर्वव्यापक, देवताओं में सबसे बड़े, माया से मनुष्य रूप में दिखने वाले, समस्त पापों को हरने वाले, करुणा की खान, रघुकुल में श्रेष्ठ तथा राजाओं के शिरोमणि राम कहलाने वाले जगदीश्वर की में वंदना करता हूँ ॥
नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुंगव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च ॥
वामनपुराण गीता प्रेस गोरखपुर PDF Vamana Purana Gita Press: सनातन धर्म (हिन्दू) की एक महत्वपूर्ण पुस्तक नाम वामनपुराण है यह भी 18 महापुराणों का एक भाग है अगर वामनपुराण गीता प्रेस गोरखपुर PDF DOWNLOAD करना चाहते है तो इस लेख के अंत में डाउनलोड लिंक शेयर किया गया है
हिन्दू धर्म में कुल 18 महापुराण है उनमे से एक पुराण वामन पुराण है यह पुराण अन्य पुराण से आकर में छोटा है लेकिन इसकी महत्वता उतनी है जितनी अन्य महापुराण की है इस पुराण में वामन अवतार से भगवान विष्णु के सभी स्वरूपों का वर्णन किया गया है इस पुराण में लगभग 10,000 छंद है जो पृथ्वी पर विष्णु के अवतार की जानकारी प्रदान करते है
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इस पुराण में बहुत से अध्याय है लेकिन वामन पुराण पहला अध्याय में श्लोक संस्कृत में निम्नवत है –
बुखारी शरीफ हदीस हिंदी में PDF DOWNLOAD BUKHARI SHARIF PDF IN HINDI bukhari sharif hadees hindi pdf download Sahih Muslim in hindi PDF download
इस्लाम में कुरआन के बाद अगर किसी किताब को अहमियत दी जाती है तो वह है हदीस की किताब ऐसे में हम आपके लिए बुखारी शरीफ हदीस हिंदी में PDF ( Download Bukhari Sharif PDF ) शेयर कर रहे है
इस्लाम की किताब बुखारी शरीफ हदीस से कुछ हिंदी में लिखा हुआ हदीस निम्नवत है – तयम्मुम का बयान
नमाज का बयान
सारांश पीडीऍफ़ बुक बुखारी शरीफ हदीस हिंदी में PDF से आगे पढ़े और सबसे आखिर में डाउनलोड लिंक शेयर किया गया है
“ऐ ईमान वालो! अल्लाह से डरो। जैसा के उससे डरने का हक है और तुम्हें मौत न आये मगर, इस हाल में कि तुम मुसलमान हो।”
सूरा ए आले इमरान, पारा 4, आयत नं. 102
“ऐ लोगो! अपने रब से डरो, जिसने तुम्हें एक जान से पैदा किया और (फिर) उस जान से उसकी बीवी को बनाया और (फिर) उन दोनों से बहुत से मर्द और औरतें पैदा की और उन्हें (जमीन पर फैलाया। अल्लाह से डरते रहो जिसके जरीए (जिसके नाम पर) तुम एक दूसरे से सवाल करते हो और रिश्तों (को कता करने से डरो (बचो)। बेशक अल्लाह तुम्हारी निगरानी कर रहा है।”
सूरा ए निसाअ पारा 4 आयत नं. 1
“ऐ ईमान वालो! अल्लाह से डरो और ऐसी बात कहो जो मोहकम (सीधी और सच्ची) हो। अल्लाह तुम्हारे आमाल की इस्लाह और तुम्हारे गुनाहों को मआफ फरमायेगा और जिस शख्स ने अल्लाह और उसके रसूल की इताअत की तो उसने बड़ी कामयाबी हासिल की।”
सूरा अहजाब पारा 22, आयत नं. 70, 71
शौहर के हुक़ूक़ बीवी पर इन हिंदी पीडीऍफ़ Shauhar Ke Huqooq shohar ke huqooq in islam shohar ke huqooq in islam in hindi शौहर की नाफरमानी की सजा इन हिंदी पीडीऍफ़
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहिम
1] रसूलुल्लाह ने फरमाया जो औरत पांचो वकत की नमाज पढे और रमजान के रोज़े रखे और अपनी शर्मगाह की हिफाज़त करे और अपने शौहर की आज्ञापालन करे तो वो जन्नत के दरवाजो मेसे जिस दरवाज़े से चाहे दाखिल हो. _मिश्कात की रिवायत का खुलासा । रावी अनस रदी.
2] रसूलुल्लाह से पूछा गया कि कौन सी बीवी सबसे बेहतर है? आपने फरमाया कि वो बीवी जो अपने शौहर को खुश करे जबभी वो उसकी तरफ देखे, उसकी इताअत करे, और अपने माल के बारे में कोई ऐसा रवय्या ना अपनाए जो शौहर को नापसन्द हो. अपने माल से मुराद वो माल है जो शौहर ने घर की मालिका की हैसियत से उसके हवाले कर दिया है.
READ शौहर के हुक़ूक़ बीवी पर इन हिंदी – SHOHAR KE HUQOOQ IN HINDI –
रसूलुल्लाह के पास एक औरत आई और हम आपके पास बैठे हुए थे, उसने कहा मेरे शौहर सफवान बिन मुअत्तिल रदी मुझे मारते है जबमें नमाज पढती हूं और मुझे रोज़ा तोडने के लिए कहते है जबभी में रोज़ा रखती हूं और वो फज़र की नमाज नहीं पढते जब तक्की सूरज नहीं निकल आता.
उसके बाद उन्होने कहा कि सूरज निकलने के बाद नमाज पढने की बात येहे कि हम उस खानदान से संबंध रखते है जिसके लिए ए बात मशहूर है कि हम नहीं जाग सकते जब तक सूरज ना निकल आए, इस पर आप ने फरमाया कि ए सफवाना जब तुम जागो तो नमाज पढ लिया करो. इस रिवायत से ये बातें जहीर होती है :
पतिओ को ये हुकूक नहीं है कि वो अपनी बिवीयों को फर्ज़ नमाज पढने से रोके, हा औरत के लिए ये जरूरी है कि 2 वो शौहर की जरूरतो का खयाल रखे और दीनदारी के शौक में वो लम्बी लम्बी सूरतें ना पढे, रही नफील नमाज तो उसमे शौहर की जरूरतों का खयाल रखना जरूरी है बगैर उसकी इजाज़त के नफील नमाजो में ना लगे इसी तरह नफ्ली रोज़ा भी उसकी इजाज़त के बगैर ना रखे.