BAL BANGAL BOOK PDF FREE DOWNLOAD

BAL BANGAL BOOK PDF FREE DOWNLOAD ZULFE BENGAL BOOK PDF FREE DOWNLOAD Zulfe Bengal Book Hindi pdf free download

मनुस्मृति पीडीऍफ़ इन हिंदी Manusmriti PDF in Hindi Download

मनुस्मृति पीडीऍफ़ इन हिंदी Manusmriti PDF in Hindi Download मनुस्मृति गीता प्रेस गोरखपुर PDF BOOK IN HINDI FREE DOWNLOAD मनुस्मृति श्लोक अर्थ सहित PDF

मनुस्मृति का मूल प्रवक्ता कौन ?

अतिप्राचीन काल से अध्यावधि पर्यन्त भारतीय वाङ्मय, संस्कृत-सभ्यता, धर्म, आचार-व्यवहार, कानून, पठन-पाठन आदि प्रत्येक क्षेत्र पर अपना न्यूनाधिक प्रभाव बनाये रखने वाले मनुस्मृति या मानवधर्मशास्त्र जैसे विशिष्ट ग्रन्थ का मूल प्रवक्ता या रचयिता सम्बन्धी प्रश्न आज विवादों शंका- संदेहों के भंवर में फंसा हुआ है, यह आश्चर्य की बात है।

यद्यपि इस विवाद के बीज पूर्वकालीन साहित्य में भी पाये जाते हैं. किन्तु आधुनिक अनुसन्धान ने इसे वृक्ष का रूप दे दिया तथा लेखकों ने अपनी-अपनी ऊडाओ, कल्पनाओं, अटकलों से इसे विवादास्पद बना दिया ।

मनुस्मृति में हुए प्रक्षेप भी इसमें प्रमुख कारण हैं, अत: आज इस बात की अति-आवश्यकता है कि प्रक्षेपों का अनुसन्धान, निर्धारण करके उसके पश्चात् मनुस्मृति सम्बन्धी प्रश्नों पर विचार किया जाये । तभी निर्भ्रान्त निष्कर्ष निकल सकते हैं।” मनुस्मृति के मूल रचयिता या प्रवक्ता के सम्बन्धमें इस समय चार मत प्रचलित हैं। –

  • मनुस्मृति के मूल रचयिता या प्रवक्ता स्वायम्भुव मनु है
  • Manusmriti वैवस्वत मनु द्वारा प्रोक्त या रचित है ।
  • मनुस्मृति भृगुप्रोक्त है।
  • मनुस्मृति ब्रहमाप्रोक्त है ।

आगे इन सभी मतों के पक्ष-विपक्ष पर सप्रमाण और प्रक्षिप्त श्लोकों की विवेचनापूर्वक विचार किया जाता है।

वर्तमान मनुस्मृति का रचनाकाल Manusmriti PDF in Hindi

वर्तमान मनुस्मृति का रचनाकाल Manusmriti PDF in Hindi : आधुनिक विचारकों का मत है कि वर्तमान में प्रचलित मनुस्मृति का यह छन्दोबद्ध रूप पर्याप्त अवरकालीन है। इसकी कालावधि ईस्वी पूर्व प्रथम से द्वितीय शती मानी गयी है। उपर्युक्त विवेचन में सप्रमाण यह स्पष्ट किया गया है कि मनुस्मृति के मूलप्रवक्ता स्वायंभुव मनु हैं, और अधिकांश विद्वान इसी मत को ही मानते हैं।

  • इस तथ्य को तो सभी स्वीकार करेंगे ही कि जिसकी जो कृति है
  • वह उसी के काल की होगी. अत: इस बात में तो कोई संदेह ही नहीं होना चाहिये क
  • मूलत : मनुस्मृति उसके प्रवक्ता स्वायंभुव मनु के काल की ही है।
  • हां, यह बात अवश्य विचारणीय है कि उसका प्रारम्भिक रूप क्या रहा होगा।
  • मनुस्मृति के आद्यरूप पर विचार इस अध्याय के अन्त में किया जायेगा।
  • यहां पहले, वर्तमान में प्रचलित मनुस्मृति के छन्दोबद रूप के काल पर विचार किया जाता है।
  • यद्यपि अन्य प्राचीन ग्रन्थों की तरह मनुस्मृतिविषयक काल का
  • कहीं कोई उल्लेख न होने के कारण सुनिश्चित रूप से समय का निर्धारण करना कठिन है,
  • फिर भी प्राचीन ग्रन्थों में पाये जाने वाले उदरणों, नामोल्लेखों को
  • आधार मानकर उसका अनुमान लगाया जा सकता है।
  • अब यहां विद्वानों द्वारा इस विषय में आधाररूप में अपनाये गये तथ्यों पर
  • तथा इसके कालनिर्धारण में सहयोगी अन्य आधारों एवं संकेतों पर विचार किया जा रहा है

माण्डूक्य उपनिषद Mandukya Upanishad Gita Press PDF

माण्डूक्य उपनिषद गीता प्रेस पीडीऍफ़ Mandukya Upanishad Gita Press Gorakhpur mandukya upanishad pdf free download mandukya upanishad gita press pdf hindi

माण्डूक्योपनिषद् अथर्ववेदीय ब्राह्मणभागके अन्तर्गत है। इसमें कुल बारह मन्त्र हैं । कलेवरकी दृष्टिसे पहली दश उपनिषदोंमें यह सबसे छोटी है। किन्तु इसका महत्व किसीसे कम नहीं है । भगवान् गौडपादाचार्यने इसपर कारिकाएँ लिखकर इसका महत्व और भी बढ़ा दिया है।

माण्डूक्य उपनिषद Mandukya Upanishad Gita Press PDF

कारिका और शांकरभाष्यके सहित यह उपनिषद् अद्वैतसिद्धान्तरसिकोंके लिये परम आदरणीया हो गयी है । गौडपादीय कारिकाओंको अद्वैतसिद्धान्तका प्रथम निबन्ध कहा जा सकता है। इसी प्रन्थरत्नके आधारपर भगवान् शंकराचार्यने अद्वैत- मन्दिरको स्थापना की थी। यों तो अद्वैतसिद्धान्त अनादि है, किन्तु उसे जो साम्प्रदायिक मतबादका रूप प्राप्त हुआ है उसका प्रधान श्रेय आचार्यप्रवर भगवान् शङ्करको है और उसका मूल ग्रन्थ गौडपादीय कारिका है।

कारिकाकार भगवान् गौडपादाचार्यके जीवन तथा जीवन- कालके विषय में विशेष विवरण नहीं दिया जा सकता । बँगलामें ‘वेदान्तदर्शनेर इतिहास’ के लेखक स्वामी श्रीप्रज्ञानानन्दजी सरस्वतीने उन्हें गौडदेशीय (बंगाली) बतलाया है । इस विषयमें वहाँ नैष्कर्म्य- सिद्धिकार भगवान् सुरेश्वराचार्यका यह श्लोक प्रमाणरूपसे उद्धृत किया गया है-

एवं गौडैर्द्राविडैर्नः पूज्यैरर्थः प्रभाषितः ।

अज्ञानमात्रोपाधिः सन्नहमादिदृगीश्वरः ॥

मांडूक्य उपनिषद इन हिंदी पीडीएफ – शान्तिपाठ

अगर मांडूक्य उपनिषद इन हिंदी पीडीएफ – डाउनलोड करना चाहते है तो सबसे आखिर में पीडीऍफ़ डाउनलोड लिंक शेयर किया गया है – आगे पुस्तक से कुछ अंश – शान्तिपाठ

  • ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयाम देवा भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः ।
  • स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवा : सस्तनूभि- र्व्यशेम देवहितं यदायुः ॥
  • स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेद
  • स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥
  • शान्तिः शान्तिः !! शान्तिः !!!

मांडूक्य उपनिषद श्लोक अर्थ सहित Mandukya Upanishad Slokas in Sanskrit

प्रशावैशाख वेधक्षुभितजलनिधे बंद नाम्नोऽन्तरस्थं

भूतान्यालोक्य मग्नान्यविरतजननग्रादघोरे समुद्रे ।

कारुण्यादुद्दधारामृतमिदममरैर्दुर्लभं भूतहेतो-

र्यस्तं पूज्याभिपूज्यं परमगुरुममुं पादपातैर्नतोऽस्मि ॥२॥

मांडूक्य उपनिषद श्लोक अर्थ सहित : जो निरन्तर जन्म-जन्मान्तररूप ग्राहोंके कारण अत्यन्त भयानक है ऐसे संसारसागरमें जीवोंको डूबे हुए देखकर जिन्होंने करुणावश अपनी विशुद्ध बुद्धिरूप मन्थनदण्डके आघातसे क्षुमित हुए वेद नामक महासमुद्र के भीतर स्थित इस देवदुर्लभ अमृतको प्राणियोंके कल्याणके लिये निकाला है, उन पूजनीयोंके भी पूजनीय परम गुरु (श्रीगौडपादाचार्य) को मैं उनके चरणों में गिरकर प्रणाम करता हूँ ॥२॥

नात शरीफ बुक हिंदी PDF FREE DOWNLOAD

नात शरीफ बुक हिंदी PDF Naat Book Download: गाने बजने से अच्चा नात लिरिक्स लिखा हुआ पढ़े या फिर नबी (सल्ल.) की नात ए पाक

आला हजरत की नात शरीफ की किताब से (Naat Book) से एक नात लिरिक्स यहाँ लिख रहे है सुनते हैं कि महशर में सिर्फ़ उन की रसाई है

नात शरीफ बुक हिंदी PDF FREE DOWNLOAD

READ HERE SOME NAAT E PAAK नात शरीफ बुक हिंदी PDF FREE DOWNLOAD – सुनते हैं कि महशर में सिर्फ़ उन की रसाई है

  • सुनते हैं कि महशर में सिर्फ़ उन की रसाई है
  • गर उन की रसाई है लो जब तो बन आई है
  • मचला है कि रहमत ने उम्मीद बँधाई है
  • क्या बात तेरी, मुजरिम ! क्या बात बनाई है
  • सब ने सफ़-ए-महशर में ललकार दिया हम को
  • ए बे-कसों के आक़ा ! अब तेरी दुहाई है
  • यूँ तो सब उन्हीं का है पर दिल की अगर पूछो
  • ये टूटे हुए दिल ही ख़ास उन की कमाई है
  • ज़ाइर गए भी कब के, दिन ढलने पे है, प्यारे !
  • उठ मेरे अकेले चल, क्या देर लगाई है
  • बाज़ार-ए-‘अमल में तो सौदा न बना अपना
  • सरकार करम तुझ में ‘ऐबी की समाई है
  • गिरते हुओं को मुज़्दा सज्दे में गिरे मौला
  • रो रो के शफ़ा’अत की तम्हीद उठाई है
  • ए दिल ये सुलगना क्या, जलना है तो जल भी उठ
  • दम घुटने लगा, ज़ालिम ! क्या धूनी रमाई है
  • मुजरिम को न शर्माओ, अहबाब
  • कफ़न ढक दो मुँह देख के क्या होगा
  • पर्दे में भलाई है अब आप ही सँभालें तो काम अपने सँभल जाएँ
  • हम ने तो कमाई सब खेलों में गँवाई है
  • ए ‘इश्क़ ! तेरे सदक़े जलने से छुटे सस्ते
  • जो आग बुझा देगी, वो आग लगाई है
  • हिर्स-ओ-हवस-ए-बद से, दिल ! तू भी सितम कर ले
  • तू ही नहीं बेगाना, दुनिया ही पराई है
  • हम दिल-जले हैं किस के हट फ़ितनों के परकाले
  • क्यूँ फूँक दूँ इक उफ़ से क्या आग लगाई है
  • तयबा न सही अफ़ज़ल, मक्का ही बड़ा, ज़ाहिद
  • हम ‘इश्क़ के बंदे हैं, क्यूँ बात बढ़ाई है
  • मतला’ में ये शक क्या था, वल्लाह ! रज़ा ! वल्लाह
  • सिर्फ़ उन की रसाई है, सिर्फ़ उन की रसाई है

~ आला हजरत नात लिरिक्स

सुन्दरकाण्ड पीडीऍफ़ गीता प्रेस Sunderkand PDF Gita Press New

सुन्दरकाण्ड पीडीऍफ़ गीता प्रेस Sunderkand PDF Gita Press New – गीता प्रेस गोरखपुर सुंदरकांड पीडीऍफ़ सचित्र सटीक मोटा टाइप पीडीऍफ़ डाउनलोड यहाँ से करें जिसका डाउनलोड लिंक लेख के अंत में दिया गया है

रामचरित मानस सुन्दर काण्ड पुस्तक में सबसे अधिक लोकप्रिय पाठ में कोई पाठ है तो सुन्दरकाण्ड है सुन्दर काण्ड में कुल 19 अध्याय हैं मान्यता है कि सुन्दरकाण्ड का धर्य और प्रेम से पाठ किया जाये तो इसका फल चार गुना प्राप्त होता है

सुन्दरकाण्ड की श्रेष्ठता का कारण बताते हुए कहा गया है – सुंदरकाण्ड में श्री राम सुन्दर हैं, कथा सुन्दर है, सीता सुन्दर है. सुन्दर में क्या सुन्दर नहीं है. इसीके साथ इसमें हनुमान जी का पावन चरित्र है, जो भक्तों के लिए कल्पवृक्ष है

सुन्दरकाण्ड पीडीऍफ़ गीता प्रेस Sunderkand PDF Gita Press New

READ HERE ABOUT सुन्दरकाण्ड पीडीऍफ़ गीता प्रेस Sunderkand PDF Gita Press –

सुंदरकाण्ड सम्पूर्ण पाठ अर्थ सहित

अगर आप सुंदरकाण्ड सम्पूर्ण पाठ अर्थ सहित पढ़ना चाहते है इसके लिए पीडीऍफ़ डाउनलोड करें लेकिन कुछ अंश हम यहाँ भी शेयर कर रहे है –

शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् । रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम् ॥

शान्त, सनातन, अप्रमेय (प्रमाणों से परे), निष्पाप, मोक्षरूप परमशान्ति देने वाले, ब्रह्मा, शम्भु और शेषजी से निरंतर सेवित, वेदान्त के द्वारा जानने योग्य, सर्वव्यापक, देवताओं में सबसे बड़े, माया से मनुष्य रूप में दिखने वाले, समस्त पापों को हरने वाले, करुणा की खान, रघुकुल में श्रेष्ठ तथा राजाओं के शिरोमणि राम कहलाने वाले जगदीश्वर की में वंदना करता हूँ ॥

नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा। भक्तिं प्रयच्छ रघुपुंगव निर्भरां मे कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च ॥

  • भावार्थ:-हे रघुनाथजी। मैं सत्य कहता हूँ
  • और फिर आप सबके अंतरात्मा ही हैं (सब जानते ही हैं) कि
  • मेरे हृदय में दूसरी कोई इच्छा नहीं है। हे रघुकुलश्रेष्ठ
  • मुझे अपनी निर्भरा (पूर्ण) भक्ति दीजिए और मेरे मन को काम आदि दोषों से रहित कीजिए ॥
  • अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
  • सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ॥
  • भावार्थ:- अतुल बल के धाम, सोने के पर्वत (सुमेरु) के
  • समान कान्तियुक्त शरीर वाले, दैत्य रूपी वन (को ध्वंस करने के
  • लिए अग्नि रूप, ज्ञानियों में अग्रगण्य, संपूर्ण गुणों के निधान,
  • वानरों के स्वामी श्री रघुनाथजी के प्रिय भक्त पवनपुत्र श्री हनुमानजी को मैं प्रणाम करता हूँ ॥

वामनपुराण गीता प्रेस गोरखपुर PDF Vamana Purana Gita Press

वामनपुराण गीता प्रेस गोरखपुर PDF Vamana Purana Gita Press: सनातन धर्म (हिन्दू) की एक महत्वपूर्ण पुस्तक नाम वामनपुराण है यह भी 18 महापुराणों का एक भाग है अगर वामनपुराण गीता प्रेस गोरखपुर PDF DOWNLOAD करना चाहते है तो इस लेख के अंत में डाउनलोड लिंक शेयर किया गया है

वामन पुराण क्या है

हिन्दू धर्म में कुल 18 महापुराण है उनमे से एक पुराण वामन पुराण है यह पुराण अन्य पुराण से आकर में छोटा है लेकिन इसकी महत्वता उतनी है जितनी अन्य महापुराण की है इस पुराण में वामन अवतार से भगवान विष्णु के सभी स्वरूपों का वर्णन किया गया है इस पुराण में लगभग 10,000 छंद है जो पृथ्वी पर विष्णु के अवतार की जानकारी प्रदान करते है

वामनपुराण गीता प्रेस गोरखपुर PDF Vamana Purana Gita Press

READ HERE ABOUT वामनपुराण गीता प्रेस गोरखपुर PDF Vamana Purana Gita Press –

वामन पुराण के श्लोक

इस पुराण में बहुत से अध्याय है लेकिन वामन पुराण पहला अध्याय में श्लोक संस्कृत में निम्नवत है –

  • वामन पुराण के श्लोक पहला अध्याय –
  • नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम् ।
  • देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जयमुदीरयेत् ॥
  • त्रैलोक्यराज्यमाक्षिप्य बलेरिन्द्राय यो ददौ ।
  • श्रीधराय नमस्तस्यै छद्यवामनरूपिणे । १
  • पुलस्त्यमृधिमासीनमाश्रमे वाग्विदां वरम् ।
  • नारदः परिपप्रच्छ पुराणं वामनाश्रयम् ॥ २
  • कथं भगवता ब्रह्मन् विष्णुना प्रभविष्णुना।
  • वामनत्यं घृतं पूर्व तन्ममाचक्ष्वं पृच्छतः ॥ ३
  • कथं च वैष्णवो भूत्वा प्रह्लादो दैत्यसत्तमः ।
  • त्रिदशैर्युयुधे सार्धमंत्र मे संशयो महान् ॥ ४
  • श्रूयते च द्विजश्रेष्ठ दक्षस्य दुहिता सती।
  • शंकरस्य प्रिया भार्यां बभूव वरवर्णिनी ।
  • किमर्थ सा परित्यज्य स्वशरीरं वरानना ।
  • जाता हिमवतो गेहे गिरीन्द्रस्य महात्मनः ॥ ६
  • एवमुक्तो नारदेन पुलस्त्यो मुनिसत्तमः ।
  • प्रोवाच वदतां श्रेष्ठो नारदं तपसो निधिम् ॥
  • ९ पुनश्च देवदेवस्य पत्नीत्वमगमच्छुभा ।
  • एतन्मे संशयं छिन्धि सर्ववित् त्वं मतोऽसि मे ॥
  • तीथांनां चैव माहात्म्यं दानानां चैव सत्तम ।
  • व्रतानां विविधानां च विधिमाचक्ष्व मे द्विज ॥ ८
  • पुलस्त्य उपाय पुराणं वामनं वक्ष्ये क्रमान्निखिलमादितः ।
  • अवधानं स्थिरं कृत्वा शृणुष्व मुनिसत्तम ॥ १०
  • पुरा हैमवती देवी मन्दरस्थं महेश्वरम्।
  • उवाच वचनं दृष्ट्वा ग्रीष्मकालमुपस्थितम् ॥ ११
  • ग्रीष्मः प्रवृत्तो देवेश न च ते विद्यते गृहम् ।
  • यत्र वातातपौ ग्रीष्मे स्थितयोन गमिष्यतः ॥ १२
  • एवमुक्तो भवान्या तु शंकरो वाक्यमब्रवीत्।
  • निराश्रयोऽहं सुदति सदारण्यचरः शुभे ॥ १३
  • इत्युक्ता शंकरेणाथ वृक्षच्छायासु नारद।
  • निदाघकालमनयत् समं शर्वेण सा सती ।। १४

बुखारी शरीफ हदीस हिंदी में PDF DOWNLOAD BUKHARI SHARIF PDF

बुखारी शरीफ हदीस हिंदी में PDF DOWNLOAD BUKHARI SHARIF PDF IN HINDI bukhari sharif hadees hindi pdf download Sahih Muslim in hindi PDF download

इस्लाम में कुरआन के बाद अगर किसी किताब को अहमियत दी जाती है तो वह है हदीस की किताब ऐसे में हम आपके लिए बुखारी शरीफ हदीस हिंदी में PDF ( Download Bukhari Sharif PDF ) शेयर कर रहे है

बुखारी शरीफ हदीस

इस्लाम की किताब बुखारी शरीफ हदीस से कुछ हिंदी में लिखा हुआ हदीस निम्नवत है – तयम्मुम का बयान

  • तयम्मुम की आयात (फलम तजिदू माअन) का शाने नुजूल
  • पानी न मिले और नमाज़ के कज़ा होने का डर हो तो हज़र में तयम्मुम करना
  • तयम्मुम करने वाले का हाथों पर फूंक मारना
  • पाक मिट्टी मुसलमान का वुजू है और उसे पानी के बदले काफी है

नमाज का बयान

  • मेराज की रात में नमाज़ किस तरह फर्ज की गई?
  • नमाज़ के लिए लिबास की फरजियत
  • एक ही कपड़े को लपेटकर उसमें नमाज़ पढ़ना
  • जब कोई एक ही कपड़े में नमाज़ पढ़े तो अपने कन्धों पर कुछ (कपड़ा) डाल ले
  • जब कपड़ा तंग हो (तो उसमें कैसे नमाज़ पढ़े?)

बुखारी शरीफ हदीस हिंदी में PDF

सारांश पीडीऍफ़ बुक बुखारी शरीफ हदीस हिंदी में PDF से आगे पढ़े और सबसे आखिर में डाउनलोड लिंक शेयर किया गया है

“ऐ ईमान वालो! अल्लाह से डरो। जैसा के उससे डरने का हक है और तुम्हें मौत न आये मगर, इस हाल में कि तुम मुसलमान हो।”

सूरा ए आले इमरान, पारा 4, आयत नं. 102

“ऐ लोगो! अपने रब से डरो, जिसने तुम्हें एक जान से पैदा किया और (फिर) उस जान से उसकी बीवी को बनाया और (फिर) उन दोनों से बहुत से मर्द और औरतें पैदा की और उन्हें (जमीन पर फैलाया। अल्लाह से डरते रहो जिसके जरीए (जिसके नाम पर) तुम एक दूसरे से सवाल करते हो और रिश्तों (को कता करने से डरो (बचो)। बेशक अल्लाह तुम्हारी निगरानी कर रहा है।”

सूरा ए निसाअ पारा 4 आयत नं. 1

“ऐ ईमान वालो! अल्लाह से डरो और ऐसी बात कहो जो मोहकम (सीधी और सच्ची) हो। अल्लाह तुम्हारे आमाल की इस्लाह और तुम्हारे गुनाहों को मआफ फरमायेगा और जिस शख्स ने अल्लाह और उसके रसूल की इताअत की तो उसने बड़ी कामयाबी हासिल की।”

सूरा अहजाब पारा 22, आयत नं. 70, 71

शौहर के हुक़ूक़ बीवी पर इन हिंदी पीडीऍफ़ Shauhar Ke Huqooq

शौहर के हुक़ूक़ बीवी पर इन हिंदी पीडीऍफ़ Shauhar Ke Huqooq shohar ke huqooq in islam shohar ke huqooq in islam in hindi शौहर की नाफरमानी की सजा इन हिंदी पीडीऍफ़

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहिम

1] रसूलुल्लाह ने फरमाया जो औरत पांचो वकत की नमाज पढे और रमजान के रोज़े रखे और अपनी शर्मगाह की हिफाज़त करे और अपने शौहर की आज्ञापालन करे तो वो जन्नत के दरवाजो मेसे जिस दरवाज़े से चाहे दाखिल हो. _मिश्कात की रिवायत का खुलासा । रावी अनस रदी.

2] रसूलुल्लाह से पूछा गया कि कौन सी बीवी सबसे बेहतर है? आपने फरमाया कि वो बीवी जो अपने शौहर को खुश करे जबभी वो उसकी तरफ देखे, उसकी इताअत करे, और अपने माल के बारे में कोई ऐसा रवय्या ना अपनाए जो शौहर को नापसन्द हो. अपने माल से मुराद वो माल है जो शौहर ने घर की मालिका की हैसियत से उसके हवाले कर दिया है.

शौहर के हुक़ूक़ बीवी पर इन हिंदी – SHOHAR KE HUQOOQ IN HINDI

READ शौहर के हुक़ूक़ बीवी पर इन हिंदी – SHOHAR KE HUQOOQ IN HINDI –

रसूलुल्लाह के पास एक औरत आई और हम आपके पास बैठे हुए थे, उसने कहा मेरे शौहर सफवान बिन मुअत्तिल रदी मुझे मारते है जबमें नमाज पढती हूं और मुझे रोज़ा तोडने के लिए कहते है जबभी में रोज़ा रखती हूं और वो फज़र की नमाज नहीं पढते जब तक्की सूरज नहीं निकल आता.

  • अबू सईद रदी फरमाते है कि सफवान रदी वही बैठे हुए थे,
  • तो आपने उनसे उनकी बीवी की शिकायत के बारे में पूछा तो
  • उन्होने कहा ए अल्लाह के रसूल! नमाज पढने पर मारने की शिकायत की हकीकत येहे कि
  • वो दो-दो सूरतें पढ़ती है और में उसे मना करता हूं,
  • तो आप ने फरमाया कि एक ही सूरत काफी है.
  • सफवान रदी ने फिर कहा कि रोज़ा तोड़ने की शिकायत की हकीकत येहे कि
  • ये रोज़ा रखे चली जाती है और में जवान आदमी हूं सबर नहीं कर सकता है,
  • तो आप ने फरमाया कोई औरत अपने शौहर की इजाज़त के बगैर रोज़ा नहीं रख सकती.

Shauhar Ke Huqooq IN ISLAM

उसके बाद उन्होने कहा कि सूरज निकलने के बाद नमाज पढने की बात येहे कि हम उस खानदान से संबंध रखते है जिसके लिए ए बात मशहूर है कि हम नहीं जाग सकते जब तक सूरज ना निकल आए, इस पर आप ने फरमाया कि ए सफवाना जब तुम जागो तो नमाज पढ लिया करो. इस रिवायत से ये बातें जहीर होती है :

पतिओ को ये हुकूक नहीं है कि वो अपनी बिवीयों को फर्ज़ नमाज पढने से रोके, हा औरत के लिए ये जरूरी है कि 2 वो शौहर की जरूरतो का खयाल रखे और दीनदारी के शौक में वो लम्बी लम्बी सूरतें ना पढे, रही नफील नमाज तो उसमे शौहर की जरूरतों का खयाल रखना जरूरी है बगैर उसकी इजाज़त के नफील नमाजो में ना लगे इसी तरह नफ्ली रोज़ा भी उसकी इजाज़त के बगैर ना रखे.